पैरालंपिक में भाग लेने की ख्वाहिश थी, पदक जीतना वरदान की तरह : कृष्णा नागर
तोक्यो । भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने कहा कि वह पैरालंपिक खेलों में भाग लेकर ही सातवें आसमान पर थे लेकिन रविवार को इसमें पदक जीतना उनके लिए किसी वरदान की तरह है।
दूसरे वरीय नागर ने हांगकांग के चू मैन काई को पुरुषों की एकल एसएच6 क्लास के तीन गेम तक चले रोमांचक फाइनल में शिकस्त दी। नागर को छोटे कद का विकार है।
जयपुर के नागर ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 21-17 16-21 21-17 से हराया। इस तरह वह बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने की सूची में हमवतन प्रमोद भगत के साथ शामिल हो गये।
इस 22 साल के खिलाड़ी ने कहा, ” ओलंपिक या पैरालंपिक पदक बहुत बड़ी चीज है। हमने वादा किया था कि हम पांच-छह पदक जीतेंगे और हमने चार पदक जीते हैं।
फाइनल के बारे में उन्होंने कहा, ” मेरी मानसिकता थी कि मुझे सकारात्मक रहना है। मैंने मैच के दौरान ज्यादा गलतियां नहीं की लेकिन दूसरे गेम में जब थोड़ा नकारात्मक हो गया था तब दबाव में आ गया था।
उन्होंने कहा, ”दूसरा गेम गंवाने के बाद मैं तीसरे गेम में मैंने वापसी की और फिर मेरे लिये चीजों ठीक रही।