केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा शासित राज्यों के साथ ही संर्गठन के कामकाज की होग्री समीक्षा
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भाजपा में कार्यरत संगठन मंत्रियों के लिए जिम्मेदार होता है। भारतीय जनसंघ के समय से ही परंपरा है कि संगठन मंत्री संघ के अनुमति से भेजे जाते हैं।
उन्हें हटाया या उनकी पदस्थापना में परिवर्तन जैसे सभी कार्य संघ ही करता है। सूत्रों के अनुसार भाजपा में कुछ और प्रचारक भेजे जा सकते हैं, जिन्हें संगठन मंत्री की जवाबदारी दी जा सकती है।
मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रदेश संगठन महामंत्रियों के संबंध में भी फैसला नागपुर की समन्वय बैठक में हो सकता है। मध्यप्रदेश में सुहास भगत ने अपना चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है।
उनको पदोन्नति मिलने की चर्चा है। इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में संगठनात्मक ढांचे को विभाजित करने का भी प्रस्ताव है।
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी महाकौशल, मध्य भारत और मालवा प्रांत की रचना की जा सकती है। इस संबंध में बैठक में फैसला होगा।
संघ की समन्वय बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रय होसबोल सह सरर्कावाह डॉ. मनमोहन वैद्य, मुकुंद सीआर, अरुण कुमार, डॉ. कृष्ण गोपाल और रामदास चक्रधर के अलावा क्षेत्रीय प्रचारक भी हिस्सा लेंगे।
बैठक लगातार तीन सितम्बर से आठ सितम्बर तक चलेगी। राष्ट्रीय स्वयं संघ की महत्वपूर्ण समन्वय बैठक कल से नागपुर में प्रारंभ हो रही है।
इस बैठक में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तथा भाजपा शासित राज्यों की सरकारों की समीक्षा के अलावा संगठन के कामकाज की समीक्षा भी होगी।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, वी सतीश और सौदान सिंह भी भाग लेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और नितिन गडकरी के भी बैठक में शामिल होने की चचा्र है। मार्च 2021 के बाद से यह संघ की दूसरी महत्वपूर्ण बैठक होगी।
मार्च 2021 में नए सरकार्यवाह के रूप में दत्तात्रेय होसबोले ने कामकाज संभाला था। संघ की समन्वय समिति की राष्ट्रीय स्तर पर बैठक प्रतिवर्ष होती है।
जबकि संघ क्षेत्र और प्रांतवार भी इस तरह की समन्वय बैठक आयोजित करता है। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों में तालमेल के साथ ही उनके कामकाज की समीक्षा और विस्तार के संबंध में कार्य योजना को लेकर रहता है।
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को दो वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इस समय आंतरिक सुरक्षा, किसान आंदोलन, मंहगाई, अफगानिस्तार में तालिबान के कब्जे के बाद उत्पन्न अंतर्राष्ट्रीय स्थिति, महामारी के साइड इफेक्ट, सीएए, एनआरसी और पांच राज्यों के चुनाव। इन सभी विषयों पर बैठक में चर्चा होगी।
संघ भाजपा के संगठन विस्तार और कामकाज को लेकर भी चर्चा करेगा। विशेष रूप से उन राज्यों के बारे में चर्चा होगी जहां भाजपा कमजोर है। पांच राज्यों के चुनाव को लेकर रणनीति भी बनाई जाएगी। 2022 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मिजोरम और पंजाब में चुनाव होने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश संघ के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां योगी सरकार की वापसी हो इसके लिए विशेष रूप से रणनीति बनाई जाएगी। इससके अलावा भाजपा शासित राज्यों के संबंध में भी विचार विमर्श होगा।