वर्षों पुरानी सड़क निर्माण की मांग हुई पूरी

० बस्तर जिला मुख्यालय से बारहमासी जुड़े रहेंगें ग्रामीण
रायपुर।  छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर जिले में विकास की बयार बहने लगी है। शासन इस इलाके को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

जिले के सुदूर इलाकों मेें हो रहे सड़क निर्माण से यहां के ग्रामीणों को आवागमन में तो सुविधा हो रही है, वहीं सरकार की तमाम योजनाएं धरातल पर आसानी से पहुंचने लगी है।

बस्तर जिले में वनों से आच्छादित ग्राम कोलेंग से नेतानार को जोडऩे वाली 25 किलोमीटर की यह सड़क बन जाने से आम लोगों को जिला मुख्यालय से बारहमासी संपर्क बनाए रखने की सुविधा हो गई है। वर्षों पुरानी मांग पूरी होने पर ग्रामीणों ने शासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।

43 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से बनी इस सड़क के निर्माण में लोक निर्माण विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन तमाम बाधाओं को दूर करते हुए विभाग ने यह सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया।


प्रशासन ने ग्रामीणों की माँग पर लोक निर्माण विभाग को सड़क बनाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। पहाड़ों के चट्टान को काटकर सड़क का निर्माण किया गया है। साथ ही जंगल के मध्य कांगेर नाला में पुल का निर्माण की आवश्यकता थी।

बरसात के मौसम में कांगेर नाला में बने पुल की ऊंचाई कम होने से ग्रामीण मुख्यालय से कट जाया करते थे। इसको देखते हुए बड़े पुल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जो कि पूर्णता पर है।

ग्राम कोलेंग में लंबे समय से कार्यरत आयुर्वेद डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि इस सड़क के बन जाने से स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच अब अंदरूनी इलाकों मे भी होने लगी है। चारों ओर जंगल से घिरे इस गाँव में अब सभी प्रकार की सुविधाओं का धीरे-धीरे विस्तार होने लगा है।

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