मनमानियों व गलत नीतियों के खिलाफ आउट सोर्सिंग कर्मियों में रोष
सात को लखनऊ में धरना प्रदर्शन व आठ को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी
मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा
ललितपुर । उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा नीतियों के खिलाफ आउट सोर्सिंग के जरिए कर्मियों की तैनाती कर अल्प वेतन देकर कार्य कराने, आउट सोर्सिंग कर्मियों से भेदभाव की नीति अपनाने और विभाग की गलत नीतियों के कारण आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं, संविदाकारों द्वारा वेतन, ईपीएफ, ईएसआई में घोटाला करने जैसे आरोप लगाते हुये उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन नि.स.कर्मचारी संघ ने एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा है।
ज्ञापन में बताया कि उ.प्र.पावर कार्पाेरेशन लि. लखनऊ द्वारा वर्ष 2000 से नियमित प्रकार के कार्यों के विभाग की नीतियों के विरूद्ध, आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों की तैनाती कर सवस्टेशनों का संचालन, लाईनो का अनुरक्षण, मीटर रीडिंग, ट्रान्सफार्मरों की रिपेयरिंग, कम्प्यूटर ऑपरेटर आदि विभिन्न कार्य कराये जा रहे है जिन्हे वेतन के रूप में महज 6 हजार रुपये से 9700 रूपये तक दिया जा रहा है, जिससे महगॉई के युग में कर्मचारियों को अपने परिवार के भरण पोषण करने एवं बच्चों की शिक्षा – दिक्षा देने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
बताया कि पावर कार्पाेरेशन प्रबन्धन द्वारा आउटसोर्स कर्मियों में भेदभाव किया जा रहा है जिसके तहत सैनिक कल्याण नि. से तैनात आउटसोर्स कर्मियों का रूप्या 24000 का अनुबन्ध किया गया है। जबकि समान कार्य समान पद पर संविदाकारों माध्यम से तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों का अनुबन्ध 11 हजार रुपये का किया जा रहा है जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।
तो वहीं गलत नीतियों के कारण आउटसोर्स कर्मचारियों की आये दिन कार्य के दौरान करन्ट से दुर्घटनायें हो रही जिसमें या तो इन कर्मचारियों की मृत्यु हो रही है। संघ द्वारा बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी पावर कार्पाेरेशन प्रवन्धन द्वारा दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
उ.प्र.पावर ट्रान्समीशन लि. के अन्तर्गत कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों व मीटर रीडिंग का कार्य करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है तथा ई.पी.एफ.कटौती के पैसो को भविष्य निधि खाते में जमा कराने की जानकारी नहीं दी जा रही है। स्थानीय अधिकारियों द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों पर विभागीय हेतु निजी वाहन य मोबाइल इस्तेमाल करने के लिये दबाव बनाया जाता है जब कि इन कर्मचारियों की पेट्रोल व मोवाइल भत्ता नहीं दिया जाता है।
गलत नीतियों व अधिकारियों व संविदाकारों की मिली भगत से इन मजदूरों को रखने, हटाने व स्थानान्तरण करने के नाम पर व्यापक रूप से बड़े पैमाने पर धन उगाही की जा रही है। तो वहीं इनके वेतन, ई.पी.एफ., ई.एस.आई. बड़े पैमाने पर घोटाला किया जा रहा है। बताया कि विगत 2016 के माह अप्रैल की 3 तारीख को केन्द्रीय मंत्री द्वारा रैली में आश्वासन दिया गया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया।
कर्मियों ने इन समस्याओं के जल्द निस्तारण कराये जाने की मांग उठायी। बताया कि सात सूत्रीय मांगों का निस्तारण जल्द नहीं होता है तो 7 सितम्बर को ईको गार्डन लखनऊ में धरना प्रदर्शन व 8 सितम्बर को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जायेगा। ज्ञापन देते समय अध्यक्ष विनय स्वरूप मिश्रा एवं महामंत्री विवेक श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।