लोहे से लोहे को काटेगा अमेरिका

अफगानिस्तान में तालिबान राज आने और अमेरिका के चले जाने से अगर आतंकी संगठन आईएस-खुरासान यह सोच रहा है कि उसके अच्छे दिन आए गए हैं, तो यह उसकी एक बड़ी भूल होगी।

अमेरिका भले ही अफगानिस्तान को छोड़ चुका है, मगर वह आतंकियों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगा। इस बार अमेरिका पहले से और ताकतवर होकर आईएस-खुरासान पर वार करेगा और इसमें उसकी मदद तालिबान कर सकता है।

पेंटागन के टॉप अधिकारियों की मानें तो अमेरिका अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत यानी आईएस-के (ISIS-K) से लड़ने के लिए तालिबान के साथ सहयोग पर विचार कर रहा है।

  यूएस न्यूज के मुताबिक, पेंटागन के टॉप अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान को हराने के लिए तालिबान के साथ समन्वय करने पर विचार कर रही है।

जब बुधवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष सेना के जनरल मार्क मिली से आतंकवाद विरोधी प्रयास के लिए तालिबान के साथ सेना के हाथ मिलाने को लेकर पूछा गया तो उनका जवाब था कि यह संभव है। 

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