बढ़ रहे कम उम्र के हृदय रोगी

रायपुर  : बढ़ती उम्र के साथ हृदय रोग का खतरा बढ़ता ही है। आजकल कम उम्र में ही हृदय रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओपीडी में हर दिन औसत 10 युवा मरीज हृदय से संबंधित शिकायत लेकर पहुंचते हैं। यह स्थिति पूरे प्रदेश में देखने को मिल रही है।
इसका कारण जीवन शैली में बदलाव, शारीरिक गतिविधयां कम होना, खान-पान में सही आहार ना लेना, तनाव जैसी समस्याएं हैं। कुछ में पारिवारिक हिस्ट्री की वजह से परेशानी आती है।
हृदय से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है। इसलिए तुरंत उपचार कराना ही बेहतर है। यह जानकारी हेलो डाक्टर कार्यक्रम में मौजूद हाई-टेक सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल भिलाई के कार्डियोलाजिस्ट डा. आकाश बख्शी ने दी।
बुधवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान डा. बख्शी ने कहा कि सामान्यत: हृदय से संबंधित मरीजों में 50 फीसद हार्ट अटैक के मरीज होते हैं। देखा जाता है कि आर्ट अटैक को लेकर भ्रम की वजह से समय पर उपचार नहीं ले पाते। कुछ तो अस्पताल चयन में ही समय लगा देते हैं।
लेकिन इन मरीजों के लिए एक-एक सेकंड मायने रखता है। हार्ट अटैक सामने आने पर बिना देर किए नजदीकी अस्पताल जाएं। अधिकतम छह घंटे के भीतर अस्पताल में उपचार लेना जरूरी है। डा. बख्शी ने कहा कि हृदय में खून ले जाने वाली नसों का बंद होना हार्ट अटैक है।
ब्लाकेज जितना ज्यादा खतरा भी उतना बढ़ जाता है। सीने के बीचो-बीच दर्द फिर बाएं हाथ, गले में दर्द फैला, पसीने आना, घबराहट जैसे लक्षण करीब 50 से 60 फीसद मरीजों देखे जाते हैं। जबकि कुछ मरीजों में दोनों कंधों में दर्द, अचानक सांस फूलना, चक्कर आना जैसे लक्षण भी हैं।
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