बकरीद में करें सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी

उरई/जलौन,संवाददाता। इस्लाम में अपनी सबसे अजीज चीज की कुर्बानी देने का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। ऐसे ही अल्लाह राह पर पिता इब्राहीम खलील उल्लाह की छुरी उनके बेटे हजरत इस्माइल जबी उल्लाह की गर्दन पर नहीं चली। तब पिता इब्राहीम खलील उल्लाह ने गुस्से में छुरी को जमीन पर पटक दिया।

धर्मगुरुओं का मानना है कि छुरी से न चलने का सवाल पूछा तो रब की तरफ से छुरी को भी जुबान मिली और उसने इब्राहीम खलील उल्ला से बताया जब नमरूद ने आपको आग में डाला था तो उसने आपको जलाया क्यों नहीं था। क्योंकि रब ने आग को आपको जलाने से सिर्फ एक बार मना किया था। पर छुरी ने जवाब दिया कि मुझे तो न चलने के लिये सत्तर बार मना किया गया था।

इस तरह इब्राहीम खलील उल्लाह अपने रब के इम्तिहान पर खरे उतरे और उनके बेटे इस्माइल जबी उल्लाह को रब ने कुर्बान होने से तो बचाया। पर उनके स्थान पर एक बकरे की कुर्बानी दी गई। तबसे इस्लाम में कुर्बानी का सिलसिला शुरू हो गया।

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