अमेरिका में मिला मंकीपॉक्स का पहला मामला

अभी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ ही रही है कि नई नई मुसीबतें सामने आती जा रही हैं। दरअसल, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कहा है कि अमेरिका के टेक्सास में एक व्यक्ति दुर्लभ मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित पाया गया है।

सीडीसी ने एक प्रेस रिलीज में कहा, “रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) और टेक्सास राज्य स्वास्थ्य सेवा विभाग ने 15 जुलाई को एक अमेरिकी निवासी में मानव मंकीपॉक्स के मामले की पुष्टि की है। इस व्यक्ति ने हाल ही में नाइजीरिया से अमेरिका की यात्रा की थी।

संक्रमित मरीज को डलास के अस्‍पताल में भर्ती करा दिया गया है।वहीं अमेरिका का सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन और बाकी एजेंसियां व्‍यक्ति के संपर्क में आए लोगों को खोजने में जुटी हुईं हैं, ताकि इस बीमारी के प्रकोप को रोका जा सके।

गौरतलब है कि मंकीपॉक्‍स नाम की यह दुर्लभ बीमारी 18 साल बाद अमेरिका में लौटी है। अब से करीब 2 दशक पहले अमेरिका में इस दुर्लभ बीमारी का प्रकोप हुआ था। यूएसए टुडे में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मंकीपॉक्‍स बीमारी को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि इससे आम जनता को खतरा कम है, क्‍योंकि कोविड-19 को रोकने के उपायों के कारण फ्लाइट में उसके द्वारा अन्‍य लोगों को संक्रमित करने की आशंका कम है।

बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस स्‍मॉलपॉक्‍स वायरस की फैमिली का है लेकिन यह एक दुर्लभ बीमारी है। इसमें मरीज को चेहरे और पूरे शरीर पर रैशेज और बड़े दाने आ जाते हैं। अधिकांश मामलों में यह संक्रमण 2 से 4 सप्ताह तक रहता है।

हालांकि इसे हल्के संक्रमण का कारण माना जाता है लेकिन यह गंभीर वायरल बीमारी का रूप ले सकती है। यह जानवरों द्वारा काटने या उनके संपर्क में आने से होती है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि मंकीपॉक्स का एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में संक्रमण बड़ी श्वसन बूंदों के जरिए होता है।

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