सोमवार पर बन रहा सौभाग्य योग का संयोग

आठ दिनों बाद 25 जुलाई से भगवान शिव की भक्ति से ओतप्रोत सावन माह की शुरुआत हो रही है। इस बार सावन माह के पहले सोमवार पर सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव की पूजा, अभिषेक करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी।

इस बार चार सावन सोमवार ही पड़ेंगे। प्रशासन द्वारा पिछले दिनों जारी की गई मौजूदा गाइड लाइन के अनुसार मंदिरों में जलाभिषेक और दर्शन की व्यवस्था करने मंदिर प्रबंधनों की बैठकों का दौर शुरू हो गया है। शिवालयों में सावन की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है।

राजधानी के तीन प्रसिद्घ मंदिरों में जलाभिषेक, पूजन करने हजारों श्रद्धालु उमड़ते हैं, इसे देखते हुए जलाभिषेक करने की विशेष व्यवस्था की जा रही है। बूढ़ेश्वर मंदिर के पुजारी महेश पांडेय के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करने चले जाएंगे, लेकिन भगवान भोलेनाथ जागृत अवस्था में रहेंगे।

सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की भक्ति का विधान है, इसलिए पूरे सावन माह में शिव पूजन करना श्रेष्ठ फलदायी होता है। चूंकि सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है इसलिए प्रत्येक सावन सोमवार में शिवलिंग पर जलाभिषेक, रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है सावन महीना शुरू होने के दूसरे ही दिन पहला सोमवार पड़ रहा है, इस दिन सौभाग्य योग होने से इसका खासा महत्व है। इस योग में शिवजी का पंचामृत से अभिषेक करना पुण्य फलदायी होगा।

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