दबाव में आई अमलोर प्रधान,आंदोलन का साथ छोड़ा

महिलाओं ने बाँदा में किया धरना

– बसपा नेता,मौरम माफिया जयराम सिंह की हिस्सेदारी वाली खदान अमलोर खंड 7 के खिलाफ हल्ला बोल।
– बालू माफिया की पूरी अपराधिक हिस्ट्री के दस्तावेजों को ज्ञापन में लगाकर किसान महिलाओं ने मोर्चा खोला।
– अमलोर महिला ग्राम प्रधान प्रवीण सिंह प्रिया ने जयराम सिंह के दबाव में आकर पीछे किये कदम।
– देशभर के युवा पत्रकार वाइस आफ बुंदेलखंड के डिजीटल एडिटर की आवाज बनकर खड़े हुए।
– वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा से लेकर द वायर,न्यूज़ लॉन्ड्री,स्वतंत्र पत्रकारों की लाबी आशीष सागर के साथ खड़ी हुई।
– विपुल त्यागी की फर्म और 100/3 से एसडीएम पैलानी के रिश्तों का गहरा राज रहस्यमय हैं।
– महोबा के आईपीएस मणिलाल पाटीदार से सबक नहीं ले रही बाँदा की ब्यूरोक्रेसी।
– नगर कोतवाली बाँदा से लेकर गिरवां तक दर्ज हैं हत्या अभियुक्त और पेशेवर माफिया जयराम सिंह पर मुकदमें।
– पत्रकार को मिली जान मारने की धमकियां भी गंभीरता से नहीं लेती बाँदा पुलिस। अभी तक जयराम सिंह पर नहीं दर्ज की एफआईआर।
18 जून,बाँदा। चित्रकूट मण्डल में  बाँदा इन दिनों एक मौरम माफिया की दबंगई से आजिज हैं। बसपा से जुड़ा यह बालू माफिया जयराम सिंह बछेउरा ( पत्नी ज़िला पंचायत सदस्य ) लाल मौरम का पुराना कारोबारी हैं। गौरतलब हैं कि बिना किसी फर्म पंजीयन के यह मौरम कारोबारी बाहरी माइनिंग कम्पनियों के साथ पार्टनर बनकर काला धंधा करता है।
बीते कुछ दिन पूर्व यह पैलानी की पडोरा खदान संचालित करता था। आजकल अमलोर खंड 7 में विपुल त्यागी पुत्र रविकांत त्यागी निवासी गाजियाबाद की फर्म के साथ कुछ प्रतिशत का हिस्सेदार हैं। बतलाते चले कि अमलोर महिला ग्राम प्रधान प्रवीण सिंह प्रिया ने अपने गांव में वर्ग तीन की भूमि से अवैध खनन व ओवरलोडिंग निकासी की शिकायत कर रखी हैं। वाइस आफ बुंदेलखंड लगातार इस मसले की आवाज उठाता आया है।
गांव की प्रधान द्वारा मोर्चा खोलने पर बसपा मौरम माफिया जयराम सिंह ( अमलोर इनका ननिहाल हैं) की खुन्नस तब बाहर निकलकर आई जब प्रधान के पति को दबाव में लिया गया फिर वाइस आफ बुंदेलखंड संवाददाता को फोन करके धमकाने की कवायद हुई। यह अलग बात है संवाददाता ने क्रिमिनल मौरम माफिया का फोन नहीं उठाया।
इधर बीते 14 जून संवाददाता की अनुपस्थिति में बुजुर्ग माताजी निर्मला देवी को शाम 5 बजे जयराम सिंह और चार अन्य लोग घर गए। इन्होंने बेटे को समझा लेने के साथ कहा कि घसीटकर ले जाऊंगा तुम्हारे लड़के को,एक आधे मुकदमे लग जाएंगे तो सही हो जाएगा। इधर बड़ी बात है जयराम सिंह ने अमलोर प्रधान से क्षत्रियवाद निभाते हुए दबाव बनाकर अपने पाले में कर लिया है।
बाँदा के पैलानी ग्राम सांडी रहवासी ऊषा निषाद व हमीरपुर के अधिवक्ता व सीबीआई से खनन की जांच करवाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विजय द्विवेदी ने कहा कि अमलोर मौरम माफिया एसडीएम की सरपरस्ती में अवैध खनन करवा रहे है।
उधर बीते 16 जून को विजय द्विवेदी ने खपटिहा कला खंड 100/3 में बने अवैध पुल पर तिरंगा पद यात्रा की थी। इससे पूर्व एसडीएम पैलानी को ऊषा निषाद ने पत्र देकर 100/3 के अवैध पुल तोड़ने की गुहार लगाई थी लेकिन खनिज अधिकारी के पाले में गेंद डालकर एसडीएम मौरम माफिया को कवर फायर देते नजर आ रहे है। एसडीएम के लिए एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट के साथ पर्यावरण एक्ट व खनिज एक्ट 1963 की धारा 41 ज के कोई मायने नहीं रह गए है।
नदी जलधारा में पोकलैंड से होता खनन, धर्मकांटा और पीवीजेड कैमरा बेमानी

अमलोर खंड 7 व खपटिहा कला 100/3 और मरौली में नदी जलधारा के बीच हैवी पोकलैंड उतरकर अवैध खनन करती हैं। वहीं धर्मकांटा और पीवीजेड कैमरा तो जैसे सरकार ने बच्चों के लिए लगाए है ताकि यह कागज की नाव बनकर नदी में तैरने का काम करे।

बसपा नेता और बालू माफिया का अपराधिक इतिहास
अमलोर मौरम खदान में हिस्सेदार जयराम सिंह बछेउरा क्षेत्र तिंदवारी बाँदा का सफेदपोश बसपा नेता ( पत्नी ज़िला पंचायत सदस्य ) और पूर्व अपर मुख्य विकास अधिकारी जिला पंचायत बाँदा का नामजद हत्यारोपी अभियुक्त हैं। इस पर बाँदा के आसपास अवैध हथियार रखने,रंगदारी मांगने के मुकदमें दर्ज हैं।
वहीं यह आज जिस अमलोर मौरम खदान खंड 7 में विपुल त्यागी के साथ में हिस्सेदारी कर रहा हैं वहीं पर कभी नरैनी के जरर में इसी कम्पनी की खदान पर विवाद और गुंडई के चलते गोलीबारी का कांड कर चुका है। जरर में विपुल त्यागी ने जयराम सिंह पर 18 नवंबर 2018 को धारा 387 आईपीसी का मुकदमा लिखाया था। वहीं बाँदा में कई भूखण्ड पर अवैध कब्जों का मास्टरमाइंड जयराम सिंह हाल ही में पैलानी की पडोरा खदान चलाता था अब अमलोर खण्ड 7 में पार्टनर हैं।
क्षेत्र में दहशत और दबंगई से अदनी सम्पति वाले इस आदमी ने कई ट्रक,डम्फर,जेसीबी,असलहों के साथ करोड़ों रुपयों की सम्पति आज एकत्र की हैं। मिली जानकारी मुताबिक इस पर मुकदमा अपराध संख्या नगर कोतवाली बाँदा में 332/2011 धारा 302 व 7 ला क्रिमिनल एक्ट दर्ज हैं। जमानत पर जेल से रिहा है। वहीं कोतवाली बाँदा में दिनांक 6 अगस्त 2020 को धारा 147,148,323,504,506 दर्ज हैं। जयराम के अलावा इसमें 40 लोग नामजद व अज्ञात दर्ज हैं।
मुकदमा संख्या 935/2011 धारा 25 A एक्ट अवैध असलहा पर दर्ज हैं। वहीं कोतवाली नगर बाँदा में मुकदमा संख्या 568/2013 धारा 392,323, 504,506 लिखा है। इस बसपा नेता मौरम माफिया का मुख्य पेशा अवैध बालू खनन व डम्फर-ट्रकों से मौरम सप्लाई, खदानों में दबाव बनाकर हिस्सेदारी करना है।
महिलाओं ने दिया ज्ञापन,मुख्यमंत्री को भेजा मांगपत्र
आज ज़िला बाँदा मुख्यालय पर सांडी की ऊषा निषाद ने अपनी महिलाओं के साथ डीएम व एसपी की अनुपस्थिति में सिटी मजिस्ट्रेट व अपर एसपी को जयराम सिंह की हिस्ट्री के साथ 20 पेज का मांगपत्र दिया है। उन्होंने एसपी स्तर के अधिकारी से जांच की मांग की हैं। वहीं तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा की कार्यशैली की तर्ज पर इस मौरम माफिया पर गैंगस्टर कार्यवाही की मांग की हैं।
महिलाओं ने पंजीकृत डाक से मुख्यमंत्री व खनिज निदेशालय और प्रधानमंत्री को मांगपत्र भेजकर बाँदा के लाल सोने की अवैध सल्तनत का स्याह विवरण भेजा है। वहीं संवाददाता व उनकी बुजुर्ग माताजी ने घबराहट में सीओ सदर के यहाँ अपने बयान दर्ज करवाये हैं।
काबिलेगौर बात यह हैं कि ठीक आधे घण्टे बाद सीओ सदर तीन जीप फोर्स लेकर पर्यावरण पैरोकार व वाइस आफ बुंदेलखंड के डीजिटल एडिटर के घर पहुंचे। मीडिया की मौजूदगी देखकर वह चले गए। उधर पीड़ित का परिवार बसपा नेता व मौरम माफियाओं से दहशतगर्दी में जी रहा हैं।
देखना यह होगा कि देश में अभिव्यक्ति व प्रेस स्वतंत्रता की पैरोकार पत्रकारिता बिरादरी बाँदा के इस चर्चित मौरम माफिया पर सरकार से कैसे लगाम लगवाती हैं। लाजमी यह हैं कि फिर किसी पत्रकार की हत्या या साजिश रचकर चारित्रिक मर्दन सिर्फ इसलिए संभव नहीं हो क्योंकि सामने वाला राजनीतिक व बाहुबली और माफिया हैं।
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