हमीरपुर: कोविड-19 से सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों को दिया संदेश

-कार्यशाला में कोरोना को हराने पर हुआ मंथन।                                                                                                               —–स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों के नाम स्वास्थ्य सचिव का संदेश।                                                                                              -कोविड-19 के दौरान संचार में चुनौतियां एवं उसके निराकरण विषय पर कार्यशाला।                                                                    -जिले एवं ब्लक स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों, बीपीएम, बीसीपीएम का जूम एप से प्रशिक्षण। 

हमीरपुर। कोविड-19 के दौर में ‘संचार में चुनौतियां एवं उसके निराकरण विषय’ पर शुक्रवार को एक वर्चुअल कार्यशाला हुई। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू), यूनीसेफ और सेंटर फार एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में जूम एप के जरिए जिला मुख्यालय से जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी व जिले के सभी ब्लाकों के स्वास्थ्य शिक्षाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

कोरोना जाति, धर्म, मजहब देखकर नहीं होता प्रशिक्षणकर्ता डॉ.निर्मल ने कोविड-19 के लक्षणों की जानकारी देते हुए कहा कि जो प्रवासी इस वक्त आ रहे हैं, उनकी ट्रैकिंग आवश्यक है। पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति में दो से 14 दिन के अंदर लक्षण दिखने लगते हैं। इसलिए प्रवासियों के होम क्वॉरंटीन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

कोरोना जाति, धर्म, मजहब नहीं देखता है। इसे लेकर ज्यादा पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। 80 प्रतिशत लोग आसानी से ठीक हो जाते हैं। आरोग्य सेतु एप के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। कोविड से बचाव के तरीकों को अपनाने वाले कोरोना योद्धा कार्यशाला में संचार की महत्वता को समझाते हुए यूनिसेफ से संगीता आनंद ने बताया कि इस समय ऐसे संदेशों को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करना चाहिए जो देश हित में।

मीडिया में छा रहे कोरोना योद्धा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में वह हर एक व्यक्ति कोरोना योद्धा है जो कोविड-19 से बचाव के तरीकों को गंभीरता से निभाता है, हम ऐसे हर एक व्यक्ति पर स्टोरी कर सकते है।

गर्भवती महिलाओं को 108 एंबुलेंस मुहैया कराएं यूपीटीएसयू से डॉ.शालिनी रमन ने दुबारा शुरू हुई आरएमएनसीएच की सेवाओं को चालू करने में क्या सावधानियां रखे इस पर चर्चा की। कहा कि कंटेनमेंट जोन और हॉट स्पाट में इस सेवा को अभी शुरू नहीं करना है। गर्भवती महिलाओं को 102 के बजाए 108 एंबुलेंस सेवा मुहैया कराई जाए।

सीफॉर की नेशनल प्रोग्राम लीड रंजना द्विवेदी ने बताया कोविड-19 के दौरान कैसे संवेदनशील भाषा और व्यवहार पर ध्यान दे और किन मुद्दों को मीडिया साझा करें। फेक न्यूज और अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली खबरों से बचें। इस पर बात के साथ ही पिछले 6 माह के मीडिया ट्रेंड के बारे में बताया।

प्रशिक्षणकर्ता दयाशंकर सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म में भी कोविड-19 को लेकर प्रचार-प्रसार करने की सलाह दी ताकि समुदाय इसे लेकर जागरूक रहे। 80 प्रतिशत लोग ठीक हो रहे हैं यूनीसेफ के भाई शैली ने प्रवासियों के मुद्दे को लेकर संवेदनशीलता बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि बीमारी को पैनिक बहुत है। 80 प्रतिशत लोग ठीक हो रहे हैं।

होम क्वॉरंटीन और प्रवासियों को लेकर लोगों की धारणा गलत है। प्रशिक्षणकर्ता सत्यवीर सिंह ने निगरानी समिति के कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ और राशन मिले, यह भी निगरानी समिति को देखना है। क्या कहते हैं कार्यशाला के प्रतिभागी कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाली स्वास्थ्य जिला शिक्षा अधिकारी अनिल यादव ने बताया कि कार्यशाला उपयोगी रही। जो जानकारी मिली है, उसे पर अमल किया जाएगा।

कोरोना के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई को हरहाल में जीता जाएगा। कुरारा के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्याम सुंदर बताते है कि प्रशिक्षण में वीएचएनडी दिवसों पर बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। निगरानी समिति के कार्यों का सही तरीके से विश्लेषण किया गया है।

(यू एन एस )

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