प्रवासी मजदूरों पर ग्रामीणों की निगरानी
मौदहा (हमीरपुर)। बाहरी प्रदेशो से मजदूरो के लगातार आने से जहां गांवो मे इन्हे सन्देह की नजर से देखा जा रहा है वहीं प्रशासन इनकी पूरी जांच पडताल कराने के साथ ही इन्हे 15 दिन की राशन सामग्री देकर इन्हे गांव मे ही अपने घरो मे 21 दिन क्वाण्टीन रहने की हिदायते देकर रवाना कर रहे है।
कस्बा स्थित अस्थाई शेल्टर होम सुन्दर लाल शिवहरे डिग्री कालेज मे सुबह 63 मजदूर सूरत व अहमदाबाद से यहां आये। पहले विधिवत इनके चिकित्सकीय परीक्षण कराने के साथ स्नान और भोजन कराया गया। इसी के बाद स्थानीय तहसीलदार रामानुज शुक्ला व नायब तहसीलदार दिवाकर मिश्र ने अपने अधीनस्थो के सहयोग से 10 किला आटा , 10 किलो चावल , 2 किलो भुंजा चना, 2 किलो दाल , 1 किलो तेल, नमक , मसाले व शब्जी आदि की किट देकर सम्बघित गांव मे रवाना करना शुरू कर दिया था। जो शाम तक जारी रहा। इन मजदूरो मे अधिकतर महेरा, इमीलिया, बशवारी, छानी, खैर, छिमौली सहित विभिन्न गांव के मजदूर थे।
कोरोना बीमारी का भय और बचाव के मामले मे लाकडाउन से आम जनमानस काफी जागरूक हो चुका है और जब बाहर से आने वाले मजदूर गांव पहुंचते है तो गांव वाले अपनो को देख की ही पराया मानने लगते है। जबकि लम्बी दूरी तय कर मुसीबत के मारो को अपना गांव और अपने लोग देखकर बेहद खुशी होती है। बीमारी से लडना व बचाव उचित है किन्तु बचाव मे अपनो से मुह मोड लेना मानवीय दृष्टि से सही नही कहा जा सकता।