माहे रमजान की तैयारियां शुरू
प्रसाशन का दावा : मुस्लिम बस्तियों में हर जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी
मुनीर खान ।
भरुआ सुमेरपुर। माहे रमजान का चांद शुक्रवार को दिखने की संभावना है। इसी को लेकर मुस्लिम बस्तियों में माहे रमजान की इबादत व रोजा रखने की तैयारियों शुरू हो गई है। महामारी कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन के बीच पहली बार मुस्लिम भाई घरों में रहकर माहे रमजान में रोजा रखने के साथ ही सामाजिक दूरी का पालन करते हुए घरों में ही इबादत करने को मजबूर होंगे। चिलचिलाती धूप और गर्मी के बीच रोजदार इस कड़ी इबादत का पालन करने को मन बना चुके हैं।
शुक्रवार को माहे रमजान का चांद दिखने की संभावना है। इसी के मद्देनजर मुस्लिम बस्तियों में साफ-सफाई के साथ लोग घरों में भी साफ सफाई करकेे इबादत करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां लोग घरों में इबादत करने के साथ इस बार तरावीह की नमाज भी अदा करेंगे । क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से लोगों को सामाजिक दूरी बनाकर इबादत करने के लिए मजबूर कर दिया है।
जहां मस्जिदों में तीन या पांच व्यक्ति रमजान की विशेष नमाज तरावीह अदा करने के लिए मौजूद रहेंगे। वहीं अन्य लोग अपने घरों पर ही यह नमाज अदा करेंगे। कस्बे के मौलाना रियाजुल हसन ने बताया कि इस वर्ष चांद दिखने के साथ ही शनिवार को पहला रोजा होगा। जिसमें सहरी खत्म होने का वक्त चार बजकर नौ मिनट है। जबकि इफ्तार का वक्त छह बजकर बयालिस मिनट है।
पहला रोजा 14 घंटे 33 मिनट का होगा। जबकि आखिरी रोजा की सहरी 3:41 में समाप्त हो जाएगी और इफ्तार 6:58 पर होगा। इस तरह आखिरी रोजा 15 घंटे 17 मिनट का होगा। इस वर्ष पहले रोजे से ही क्रमशः 1 से 2 मिनट का समय रोजाना बढ़ता जाएगा। मुस्लिम बस्तियों में माहे रमजान की तैयारियां शुरू है।लेकिन इस बार रोजदारों को ब्रेड,टोस, सिवई, सुतफेनी आदि आसानी से मिलना संभव नहीं है।वहीं प्रसाशन का दावा है कि मुस्लिम बस्तियों में हर जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।