भाजपा एमएलसी बोले- गौ रक्षक किसानों को कर रहे परेशान

भाजपा एमएलसी सदाभाऊ खोत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में गौ रक्षक किसानों को परेशान कर रहे हैं, उनके पशुओं को जब्त कर वसूली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो विरोध होगा। खोत ने फुरसुंगी में खुद पर हमले का दावा भी किया। मंत्री नितेश राणे ने उन्हें संयम बरतने की नसीहत दी और कहा कि ऐसी भाषा हिंदू समुदाय का अपमान मानी जा सकती है।
महाराष्ट्र के भाजपा विधान परिषद सदस्य सदाभाऊ खोत ने गौ रक्षकों पर किसानों को परेशान करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो वे पुलिस थानों के सामने पशु शिविर लगाकर विरोध करेंगे। खोत का कहना है कि गाय संरक्षण के नाम पर कई लोग किसानों से वसूली कर रहे हैं और उनके पशुओं को जब्त कर ले रहे हैं।
सदाभाऊ खोत ने दावा किया कि सोमवार को पुणे के फुरसुंगी इलाके में दौरे के दौरान कुछ गौ रक्षकों ने उन्हें भी घेर लिया। हालांकि वे सुरक्षित निकल गए, लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि यह समूह किसानों को धमकाता है और पैसे वसूलता है। खोत ने कहा कि यह पूरा खेल ‘गौ संरक्षण’ के नाम पर चल रहा है और इनका बड़ा नेटवर्क है, जिसके पास कॉर्पोरेट ऑफिस तक हैं।
मंत्री नितेश राणे ने दी संयम बरतने की सलाह
खोत के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने कहा कि खोत को अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ रक्षक गाय की रक्षा कर रहे हैं और उनके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी हिंदू समुदाय का अपमान समझी जा सकती है। राणे ने खोत को सलाह दी कि वह इस मुद्दे को उठाते समय संतुलित शब्दों का इस्तेमाल करें।
किसानों की भैंसें जब्त करने का लगाया आरोप
खोत ने आरोप लगाया कि दो महीने पहले फुरसुंगी में किसानों की भैंसों को जबरन ले जाया गया था। जब किसानों ने अदालत से आदेश लेकर उन्हें छुड़ाने की कोशिश की, तो भैंसें गोशाला से गायब मिलीं। गौ रक्षकों ने दावा किया कि वे पहाड़ों में चरते हुए खो गईं। खोत का कहना है कि ऐसी घटनाओं में न किसानों को न्याय मिलता है और न ही उनकी समस्या का समाधान। उन्होंने बताया कि मुंबई और पुणे से लग्जरी गाड़ियों में आने वाले कुछ लोग इस काम में शामिल हैं और किसानों को डराकर उनके पशु छीन लेते हैं।
‘गौरक्षकों को किसानों की मदद करनी चाहिए’
खोत ने कहा कि कृषि पहले से ही घाटे का धंधा बन चुकी है और अब गौ रक्षक किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ गोशालाओं के प्रबंधक जब्त पशुओं को बेच देते हैं और पुलिस भी सही आंकड़े नहीं देती। खोत ने तंज कसते हुए कहा कि अगर गौ रक्षकों को सचमुच गायों की चिंता है, तो उन्हें किसानों के गोशालाओं में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान उनकी तनख्वाह तक देंगे, लेकिन किसानों को धमकाना और वसूली करना बंद होना चाहिए।