डायबिटीज की शुरुआत होने पर पैरों में दिखते हैं ये 7 लक्षण

डायबिटीज का शुरुआत में पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि यह धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता है। हालांकि पैरों में कुछ बदलाव डायबिटीज का जल्दी पता लगाने में मदद कर सकते हैं। इन संकेतों को अगर जल्दी पता लगा लिया जाए तो डायबिटीज को मैनेज करने में मदद मिल सकती है। आइए जानें क्या हैं वे संकेत।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करती है। हालांकि, अक्सर इसकी शुरुआत इतनी धीमी होती है कि व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस बीमारी के शुरुआती संकेत हमारे पैरों में साफ दिखाई देने लगते हैं।
पैर शरीर का वह हिस्सा हैं जिन पर हम सबसे कम ध्यान देते हैं, लेकिन डायबिटीज के मामले में ये एक वार्निंग सिस्टम की तरह काम करते हैं। अगर इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो बाद में होने वाली गंभीर परेशानियों जैसे डायबिटिक न्यूरोपैथी या पैर के अल्सर से बचा जा सकता है। आइए जानें पैरों में दिखने वाले डायबिटीज के लक्षण।
सुन्नपन या झनझनाहट
डायबिटीज का यह सबसे आम और शुरुआती लक्षण है। इसमें पैरों के तलवों या उंगलियों में सुई चुभने जैसा एहसास, झनझनाहट या फिर सुन्नपन महसूस होता है। यह समस्या शुगर के बढ़े स्तर के कारण नर्व्स को नुकसान पहुंचने के कारण होती है। शुरुआत में यह लक्षण कभी-कभार ही महसूस होता है, लेकिन धीरे-धीरे यह बार-बार होने लगता है।
जलन का एहसास
कई लोगों को पैरों के तलवों में, खासकर रात के समय, तेज जलन महसूस होती है। ऐसा लगता है जैसे पैरों को आग के ऊपर रख दिया गया हो। यह भी नर्व डैमेज का एक अहम लक्षण है।
ठंडे पैर
बिना किसी ठंड के मौसम के पैर लगातार ठंडे रहना भी एक चिंताजनक संकेत हो सकता है। डायबिटीज ब्लड वेसल्स को संकरा कर सकती है, जिससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। इस कारण पैरों को गर्म रख पाना मुश्किल हो जाता है।
त्वचा में बदलाव
पैरों की त्वचा में कई तरह के बदलाव नजर आ सकते हैं-
रूखापन और खुजली- त्वचा ज्यादा रूखी, परतदार और खुजली वाली हो सकती है। डायबिटीज में पसीने और ऑयल ग्लैंड्स के काम करने का तरीका बदल जाता है, जिससे नेचुरल नमी खत्म हो जाती है।
रंग में परिवर्तन– पैरों की त्वचा का रंग पीला या नीला पड़ सकता है, जो खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत है।
बिना कारण चमकदार त्वचा- पैरों की त्वचा असामान्य रूप से चमकदार और पतली दिखाई दे सकती है।
दर्द या ऐंठन
चलने-फिरने या कोई फिजिकल एक्टिविटी करते समय पैरों, पिंडलियों या जांघों में दर्द या ऐंठन महसूस होना। यह दर्ब थोड़ा आराम करने पर ठीक हो जाता है, लेकिन फिर से चलने पर शुरू हो जाता है। इसे ‘क्लॉडिकेशन’ कहते हैं और यह पेरिफरी आर्टरी डिजीज का लक्षण है, जो डायबिटीज के मरीजों में आम है।
घाव भरने में देरी
अगर पैर में कहीं छोटी सी चोट, कट या छाले हो जाएं और उन्हें भरने में सामान्य से ज्यादा समय लगे, तो यह डायबिटीज का एक गंभीर संकेत है। हाई शुगर लेवल घाव भरने की क्षमता को कम कर देता है, जिससे इन्फेक्शन से लड़ने और घाव भरने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है।
डायबिटीज का शुरुआत्वचा में बदलाव
पैरों की त्वचा में कई तरह के बदलाव नजर आ सकते हैं-
नाखूनों में बदलाव
पैरों के नाखून मोटे, पीले या भूरे रंग के हो सकते हैं। उनमें फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।