लद्दाख घूमने का बना रहे है प्लान, तो इन जगहों की जरूर करें सैर….

लेह-लद्दाख में पहाड़ों से लेकर नदियों तक सभी जगहों पर बर्फ की चादर रहती है. लेकिन यहां जून के महीने में कुछ स्थानों पर बर्फबारी देखने का मौका मिल सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आप लेह-लद्दाथख में किन-किन जगहों पर जा सकते हैं.

स्पितुक मठ

स्पितुक मठ लद्दाख लेह में है. इस तिब्बती बौद्ध मठ को “पेथुप गोम्पा” भी कहा जाता है. इस मठ की विशेषता यह है कि इसमें हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं. मठ के पीछे बहने वाली नदी इस स्थान की सौंदर्यता को और बढ़ाती है. स्पितुक मठ में लगभग 100 बौद्ध महात्मा भी हैं.

नुब्रा घाटी

लद्दाख की सुंदर पहाड़ियों में स्थित नुब्रा घाटी यहां का सबसे सुंदर स्थान है. नुब्रा का अर्थ है “फूलों की घाटी”. इसे लद्दाख का बगीचा भी कहा जाता है. यहां की ऊँची रंगीन पहाड़ियां, ग्लेशियर्स और नदियाँ इस स्थान की सौंदर्यता में वृद्धि करती हैं. नुब्रा घाटी उंट चढ़ाई के लिए प्रसिद्ध है.

खरदुंग पास

खरदुंग ला पास या खरदुंग पास दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल सड़कों में से एक है. जहां ड्राइविंग सचमुच एक रोमांचक अनुभव है. इसे लोअर कैसल पास भी कहा जाता है. खरदुंग ला पास समुद्र स्तर से लगभग 18,380 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस स्थान को देखने का मौका न छोड़ें.

जंस्कार वैली

यह सुंदर घाटी लद्दाख से लगभग 105 किलोमीटर दूर है. इसमें एक घाटी फैली हुई है. बर्फ से ढंके पहाड़ और सुंदर नदियों का संगम इस घाटी की आकर्षण को बढ़ाते हैं. यहां आप ट्रेकिंग और नदी राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं. यह घाटी सर्दियों में पूरी तरह से जम जाती है, जिसमें लोग ट्रेकिंग के लिए आते हैं.

पांगोंग झील

पांगोंग झील दुनिया की सबसे बड़ी और अद्वितीय झीलों में से एक है, जिसे पांगोंग त्सो भी कहा जाता है. झील का नीला पानी और आस-पास की ऊँची पहाड़ियां, ऐसी सौंदर्य जो इसके अलावा कहीं भी नहीं देखी जा सकती है. झील के पानी की स्वच्छता का एक कारण इसकी खारापन है, जिसके कारण यहां कोई मछली और अन्य सागरीय प्राणी नहीं रह सकते.

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