मध्य प्रदेश में भर्ती होंगे वन वीर, हर साल की जाएगी 500 से ज्यादा नियुक्तियां
मध्य प्रदेश में अब वन वीरों की भर्ती की जाएगी। मोहन सरकार जंगल और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सेना के अग्निवीर की तर्ज पर यह भर्तियां करेगी। इसके लिए नियम तैयार कर दिए गए हैं। नियमों के मुताबिक, इसमें वन्य जीवों की सुरक्षा का खास ध्यान रखने के लिए बाघ मित्र, चीता मित्र और हाथी मित्र नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है।
पांच साल के लिए होगी भर्ती
जंगल के वन वीर के लिए आस-पास रहने वाले ग्रामीण, वनवासी और आदिवासी युवाओं को 5 साल के लिए भर्ती किया जाएगा। हर साल उनका प्रदर्शन देखते हुए उनकी सेवा की वृद्धि बढ़ा दी जाएगी। साथ ही पांच साल तक उन्हें मानदेय भी दिया जाएगा। 5 साल बाद भर्ती किए गए सबी वनवीरों में से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले 30 प्रतिशत लोगों को वन रक्षक के पद पर नियमित नियुक्ति दी जाएगी।
‘चीता मित्र’
ग्रामीणों का डर खत्म करने और चीतों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर ‘चीता मित्र’ भी बनाए गए हैं। वन वीर स्थानीय लोगों को चीतों के प्रति अवगत कराएंगे और संरक्षण के लिए जागरुक करेंगे। अब वन वीर भर्ती में चीता मित्रों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
क्यों हो रही वन वीर की भर्ती?
वन वीर भर्ती इसलिए की जा रही है क्योंकि स्थानीय युवाओं को जंगल के बारे में अधिक जानकारी होती हैं। वह जंगल एवं वन्य प्राणियों की रक्षा भी कर सकते हैं। वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण के लिए स्थानीय युवा मददगार साबित होते हैं और इससे उन्हें रोजगार के भी नए अवसर मिलते है। वन वीर योजना के तहत हर साल मध्य प्रदेश में 500 से अधिक भर्तियां की जाएगी।
इन्हें 15 से 20 हजार रुपये मासिक सैलरी भी दिया जाएगा। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार यह प्रक्रिया शुरू कर सकती है। वन वीर भर्ती के लिए शारीरिक मापदंड और व्यवहारिकता को प्राथमिकता में रखा जाएगा। साथ ही न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में 10वीं या 12वीं उत्तीर्ण को प्राथमिकता दी जा सकती है।