‘बॉल कैमरा’, जो आतंकियों की हर हरकत पर रखेगा नजर… जानें इसकी खासियत
दिल्ली : आतंकी जो घर में घुसकर लोगों को बंधक बनाते हैं, कश्मीर या फिर भीड़भाड़ वाले इलाके में और उन तक पहुंचने में सुरक्षा एजेंसियों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है.. उनकी इस नापाक चाल का जवाब है, बाल कैमरा या स्फेरिकल रोबोट.. आईआईटी बॉम्बे ने इसका लैब मॉडल विकसित किया है,Ball जिससे बाल कैमरे को कहीं भी दाखिल कराया जा सकता है और अपराधियों तक पहुंचा जा सकता है. सुरक्षा एजेंसियां इसे व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करने की योजना पर काम कर रही हैं.
आतंकी जब भीड़भाड़ वाले इलाके में किसी को बंधक बना लेते हैं, या फिर कश्मीर जैसे दुर्गम इलाकों में किसी घर में घुस जाते हैं और अपनी मांग मंगवाने के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से सौदा करते हैं, उनके इस मंसूबों का जवाब देने के लिए विकसित किया गया है बॉल कैमरा यानी स्फेरिकल रोबोट. इसे खास फाइबर से तैयार किया गया है और शेप दिया गया है गोल बाल का, जिसके अंदर ही 360 डिग्री कैमरे को फिट किया गया है, जहां सुरक्षा बल न पहुंच पाए, वहां बाल नुमा कैमरे को रोल करके दुर्गम इलाकों में पहुंचाया जा सकता है, जिसके बाद उस कमरे या फिर अंदरूनी इलाके की तस्वीरें बाहर मिलती रहेंगी.
इस खास कैमरे को आईआईटी मुंबई द्वारा विकसित कराया गया है और उन तमाम जरूरतों को ध्यान में रखा गया है, जिन परिस्थितियों में आतंकवादी या फिर आपराधिक तत्व बंधक बनाते हैं या फिर मकान को अपने मंसूबों के लिए इस्तेमाल करते हैं. ऐसी जगहों पर आसानी से बॉल की तरह रोल करके इस कैमरे को दाखिल कराया जा सकता है. 26/11 हमले के बाद ऐसी विशिष्ट तकनीक की जरूरत पड़ी, जिसके बाद एनएसजी, भारतीय सेना, अर्धसैनिक बलों की मांग पर इस विशिष्ट उत्पाद को डेवलप किया गया.
शुरुआती तौर पर इससे बॉल कैमरे का बाहरी स्ट्रक्चर फाइबर है. अब इसके बाहरी स्ट्रक्चर को और ज्यादा लचीला बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि दूर से इसको फेंका जा सके और कैमरे को कम से कम नुकसान हो सके. सुरक्षा एजेंसी उन्हें इस विशिष्ट प्रोडक्ट का प्रेजेंटेशन भी लिया है और अपनी जरूरत के हिसाब से इसे तैयार करवा रही हैं. इसमें दो चीज सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. एक कैमरे का स्पष्ट आउटपुट और दूसरा बाहरी स्ट्रक्चर को नुकसान न पहुंचाना और इन्हीं दोनों चीजों को ध्यान में रखकर दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए इसे विकसित किया गया है.