देश के मुजरिमों में हिन्दुओं की तादाद ज्यादा, बच्चों को इमाम ना बनाने वाले असम CM की टिप्पणी पर एआईयूडीएफ ने किया पलटवार

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने महिलाओं और हिंदू समुदाय पर एआईयूडीएफ प्रमुख की विवादास्पद टिप्पणियों के तीन दिन बाद बदरुद्दीन अजमल की आलोचना की। सरमा ने कहा कि अजमल ने कहा था कि महिलाओं को अधिक से अधिक बच्चों को जन्म देना चाहिए, “लेकिन मैं कहता हूं कि अगर महिलाएं अधिक बच्चों को जन्म देती हैं, तो उन्हें बच्चों के बड़े होने तक उनका पालन-पोषण करना चाहिए और उनके खर्चों का भुगतान करना चाहिए। इसके अलावा हिमंत बिस्वा सरमा ने मुस्लिम महिलाओं से अपने बच्चों को जनाम इमाम बनाने की बजए डॉक्टर और इंजीनियर बनाने की अपली की थी। सरमा ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को अपने पेट को बच्चा बनाने की फैक्ट्री न बनने देना चाहिए।

अब हिमंत सरमा के बयान पर मौलाना अजमल की पार्टी की तरफ से पलटवार सामने आया है। एआईयूडीएफ नेता रफीकुल इस्लाम ने कहा कि  देश में जितने भी मुजरिम हैं उनमें से हिंदुओं की तादाद ज्यादा है। कोई इमाम जुर्म नहीं करता। हिंदू के घर में जैसे मां चाहती है कि उनका बेटा पंडित बने, मुसलमान महिला भी चाहती है उनका बेटा इमाम बने।

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असम के सीएम ने मुस्लिम महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि “मुझे आपके वोटों की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अजमल की बात मत सुनो। दो से अधिक बच्चे न हों ताकि आप उन्हें शीर्ष खिलाड़ी, डॉक्टर और इंजीनियर बना सकेंय़ एआईयूडीएफ प्रमुख ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कथित तौर पर ‘लव जिहाद’ पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी के जवाब में महिलाओं और हिंदू पुरुषों के साथ-साथ सरमा पर भी टिप्पणी की थी। 

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