4 साल बाद FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आया पाकिस्तान, भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया

वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली ईकाई फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की पेरिस में दो दिवसीय बैठक, शुरू हो गई है। जैसा की पहले ही उम्मीद जताया जा रहा था पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। चार साल के लंबे इंतजार के बाद पाकिस्तान इस सूची से बाहर आने में सफल रहा। वहीं पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर किए जाने को लेकर भारत की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये आतंकवाद से लड़ाई में एक काला धब्बा है। बता दें कि पिछले महीने ही पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बताया था कि एफएटीएफ की तकनीकी टीम ने इस्लामाबाद का “सफल” दौरा किया था। जिसके बाद से ही अक्टूबर में मूल्यांकन प्रक्रिया के “तार्किक निष्कर्ष” की उम्मीद पाकिस्तान की तरफ से जताई जा रही थी। 

पाकिस्तान को 2018 में “रणनीतिक आतंकवाद-विरोधी वित्तपोषण-संबंधी कमियों” के कारण सूचीबद्ध किया गया था। FATF ने देश को व्यापक सुधार कार्यक्रम दिया। यदि सूची से हटा दिया जाता है, तो पाकिस्तान को अनिवार्य रूप से एक प्रतिष्ठा प्राप्त होगी और आतंकवादी वित्तपोषण पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से स्वास्थ्य का एक स्वच्छ बिल प्राप्त होगा।

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भारत ने जताया विरोध

एफएटीएफ की सूची से बाहर आने के बाद पाकिस्तान को लेकर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि हमारा पड़ोसी देश भारत में शांति से खुश नहीं है। दुनिया देख रही है कि कौन सा देश आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। हमारा विदेश मंत्रालय सतर्क है और उचित कार्रवाई करता है। 

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