कानपुर में स्वदेशी झालरों का ‘दम’, चाइनीज आइटम का हुआ डिब्‍बा गोल

कानपुर: त्योहारी सीजन नजदीक आते ही बाजारों में रौनक दिखाई देने लगती है. वहीं, बीते 2 साल त्योहारी सीजन पर कोरोना का साया रहा, तो इस साल लोग दिल खोलकर सभी जश्‍न मना रहे हैं. जबकि देश में दीपावली का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दीपावली पर लोग अपने घरों को सुंदर-सुंदर झालरों से सजाते हैं. कानपुर की मार्केट में झालर आ चुकी हैं. इस बार खास यह है कि मार्केट में चाइना की झालर की जगह स्वदेशी झालर ज्यादा उपलब्ध हैं और लोग भी स्वदेशी झालर की मांग कर रहे हैं. दरअसल स्‍वदेशी झालर ज्यादा टिकाऊ होती है और चाइनीज झालरों की अपेक्षा ज्यादा दिन काम करती है.

इस बार कई खास वैरायटी की झालर बाजार में देखने को मिल रही हैं,जिसमें पानी से जलने वाला दीया, बटरफ्लाई झालर, स्टार झालर और कॉइन झालर शामिल है. यह सभी अपने देश में ही निर्मित हैं और टिकाऊ भी. इस वजह से इनकी मांग भी अधिक है.

चाइनीज झालर की मार्केट हुई ना बराबर
बीते चार-पांच सालों की बात की जाए तो चाइनीज झालर का मार्केट पर लगभग 80 फीसदी कब्जा रहता था, लेकिन इस बार मार्केट का रुख अलग है. अब चाइनीज आइटम 20 फीसदी तक सीमित रह गए हैं. कानपुर के मार्केट में 80 फीसदी आइटम इंडियन हैं. लोग स्वदेशी आइटम ज्यादा मांग रहे हैं क्योंकि अब स्वदेशी आइटम कम दामों में भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा यह ज्यादा टिकाऊ होते हैं और अब कई वैरायटी भी स्वदेशी आइटम की आ गई हैं.

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व्यापारी अशोक मल्होत्रा ने बताया कि इस साल चाइनीज झालर ना के बराबर मार्केट में है. वही स्वदेशी झालरों की डिमांड ज्यादा है. हर कोई स्वदेशी झालर मांग रहा है. यह ज्यादा टिकाऊ भी हैं और इस बार कई तरह तरह की नई वैरायटी भी इसमें आई है. वही स्वदेशी झालरों की कीमत की बात की जाए तो इसकी कीमत 50 रुपए से शुरू है और यह ढाई सौ से 300 रुपए तक मार्केट में उपलब्ध है.

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