सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सको की अनुपस्थिति के चलते लोग परेशान
कुरारा-हमीरपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुरारा में चिकित्सको की अनुपस्थिति के चलते क्षेत्र के आम जनमानस को इलाज हेतु झोलाछाप डाक्टरों के पास या जनपद मुख्यालय में जाना पड़ रहा है।
जबकि कुरारा विकासखंड में कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। लेकिन डाक्टरों के ना जाने के कारण गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा हो रहा है। वही कुरारा अस्पताल में डाक्टरों की तैनाती होने के बावजूद भी मरीज नहीं देखे जाते हैं। ज्यादातर डाक्टर उपलब्ध ही नहीं रहते हैं।
ज्ञात हो कि कुरारा कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल बेहाल है जहां पर आधा दर्जन डाक्टरों की नियुक्ति होने के बावजूद मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। फार्मेसिस्ट के भरोसे पूरा अस्पताल संचालित हो रहा है। वहीं अस्पताल में दवाएं तक उपलब्ध नहीं है।
ज्यादातर मरीजों को बाहर से दवा लेने के लिए विवश होना पड़ रहा है। उनका अहम कारण यह है कि प्रभारी चिकित्सक डा. पीके सिंह जनपद मुख्यालय में कई परियोजनाओं का चार्ज लिए हैं।
जिन्हें कुरारा में रहने का समय नहीं है और पूरा अस्पताल भगवान के भरोसे चल रहा है। यहां पर तैनात डाक्टर कई महीनों तक अनुपस्थित रहते हैं तथा वेतन बराबर निकल रहा है। क्योंकि उन्हें प्रभारी चिकित्सक की अनुकंपा प्राप्त है। कुरारा अस्पताल में डाक्टर उमेरअली जो कि समय से अपनी डियूटी के समय आते हैं और अपना काम बखूबी कर रहे हैं। लेकिन अन्य डाक्टर कभी भी अस्पताल में नहीं आते हैं।
रात के समय अगर कोई आकस्मिक मरीज आ जाता है। तो परिसर में ही रहने के बावजूद बाहर निकलकर मरीज देखने की जहमत नहीं उठाई जाती है और अंत में कंपाउंडर उन्हें हमीरपुर जाने की सलाह देते हुए रिफर कर देते हैं। जिससे क्षेत्र के मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है।
हालांकि अगर यह सभी डाक्टर अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करें तो मरीजों को बाहर जाने की आवश्यकता ही महसूस ना हो लेकिन ऐसा होता नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पारा मिश्रीपुर कुसमरा भौली आदि गांव में तैनात किए गए डाक्टर व फार्मेसिस्ट कभी गांव में जाने की जहमत उठाते ही नहीं है। जिससे ग्रामीणों को कुरारा अथवा जिला मुख्यालय में जाकर इलाज कराना होता है।
अगर हमीरपुर नहीं जाते हैं। तो गांव में झोलाछाप डाक्टरों की शरण में जाना होता है। जहां पर मरीजों का जमकर शोषण किया जाता है। सबसे अहम बात तो यह है कि अस्पताल से बाहर की दवाएं लेने की सलाह दी जाती है। जिससे मरीजों का आर्थिक शोषण भी हो रहा है। क्षेत्रीय जनता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमीरपुर से मांग की है कि कुरारा अस्पताल में डाक्टरों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण किया जाए। जिससे अस्पताल की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके।