इस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का किया जिक्र
दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित सातवें इस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (Eastern Economic Forum) को वर्चुअली संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग (Russia-Ukraine War) का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘रूस-यूक्रेन विवाद बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए. यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत से ही हमने कूटनीति और बातचीत का रास्ता अपनाने की जरूरत पर जोर दिया है. हम इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए सभी शांतिपूर्ण प्रयासों का समर्थन करते हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज की वैश्विक दुनिया में विश्व के किसी एक हिस्से की घटनाएं पूरे विश्व पर प्रभाव पैदा करती हैं. यूक्रेन संघर्ष और कोविड महामारी से ग्लोबल सप्लाई चेन पर बड़ा असर पड़ा है. खाद्यान्न, ईंधन और उर्वरक की कमी विकासशील देशों के लिए बड़ी चिंता का विषय है.’
देशभर में 100 ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड:राजस्थान में मंत्री के ठिकानों पर पहुंची टीमें
व्लादिवोस्तोक भारत के दूतावास की स्थापना के 30 साल
पीएम मोदी ने इस फोरम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे खुशी है कि व्लादि-वोस्तोक में आयोजित किए जा रहे सातवें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में आपसे वर्चुअल रूप से जुड़ने का मौका मिला. इसी महीने व्लादिवोस्तोक में भारत के दूतावास की स्थापना के 30 साल पूरे हो रहे हैं. यहां पर दूतावास खोलने वाला पहला देश भारत ही था.’
India is keen to strengthen its partnership with Russia on Arctic subjects. There is immense scope for cooperation in the field of energy. Along with energy, India has also made significant investments in the Russian Far East in the fields of pharma & diamonds: PM Narendra Modi pic.twitter.com/NKUGfyRNl4
— ANI (@ANI) September 7, 2022
इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘2019 में मुझे इस फोरम में रू-ब-रू हिस्सा लेने का मौका मिला था. उस समय हमने भारत की Act Far-East नीति की घोषणा की थी. परिणामस्वरूप, रशियन फार ईस्ट के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारत का सहयोग बढ़ा है.’ उन्होंने कहा, ‘भारत आर्कटिक विषयों पर रूस के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक है. ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं. ऊर्जा के साथ-साथ, भारत ने फार्मा और हीरों के क्षेत्रों में भी रशियन फार ईस्ट में महत्वपूर्ण निवेश किए हैं.’