ग्रामीण क्षेत्रो व जंगलो में रात दिन चल रही हरे पेड़ो पर आरिया

कुरारा-हमीरपुर। कुरारा क्षेत्र में लकड़ी के खरीददारों द्वारा कुरारा से झलोखर के बीच अपना डम्प जमा लिया है साथ ही पूरे क्षेत्र में दर्जनों अपने ठेकेदार तैयार करके छोड़ रखे है। जिसके चलते रात दिन ग्रामीण क्षेत्रो व जंगलो में इनकी आरिया हरे भरे पेड़ो पर चल रही है। जिसके साथ मिलावट करके तमाम प्रतिबंधित लकड़ी के पेड़ भी काट जा रहे है। ग्रामीण क्षेत्रो में पेड़ मालिको की स्वीकृति के बगैर ही पुलिस की शह पर पेड़ो को शहीद किया जा रहा है और अगर पेड़ मालिक थाने में शिकायत करता है।
तो थाने में ठेकेदारों को बुलाकर मामला रफादफा करवा दिया जाता है। कुरारा से निकलते ही हमीरपुर रोड़ पर लकड़ी के खरीददारों द्वारा अपने डम्प बनाये जा चुके है साथ ही पूरे ग्रामीण क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में अपने आदमी लगाकर ग्रामीण क्षेत्र व जंगलो की लकड़ी की रातदिन कटाई करवाई जा रही है।
जिन किसानों द्वारा सीने से लगाकर अपने पेड़ो को बड़ा किया और वो किसान इन्हें पेड़ बेचने से मना कर देता है। तो ये लोग उसकी गैर मौजूदगी में उसके खेतो से रात में पेड़ कटवा लेते है और फिर अगर किसान थाने जाकर शिकायत करता है।
तो थाने में बुलाकर उसे पेड़ की आधी अधूरी कीमत दिलाकर मामला रफा दफा करवा दिया जाता है। जिसके चलते इन लकड़ी माफियाओं के हौसले बुलंद है। अभी शनिवार को भैसापाली के कोटेदार राम प्रसाद के पेड़ खेत से इन माफियाओं द्वारा जबरिया काट लिए गए। जिसकी शिकायत उसने थाने में कई थी।
वही भैसापाली गांव निवासी ही विधा सागर के लगभग 10 बड़े बड़े बबूल के पेड़ इन माफियाओं द्वारा रविवार को बिना पूछे ही कटवा लिए गए। जिसकी शिकायत विद्यासागर द्वारा पुलिस से की गई है। इसी तरह पूर्व में भी बिना पूछे पेड़ कटवा लेने की कई शिकायते आई है।
बने इन दोनों लकड़ी के डम्पो में रोज करीब 20 से 25 ट्रैक्टर क्षेत्र से इन लकड़ी माफियाओं द्वारा कटान करवा कर भेजे जाते है। वही इन लकड़ी के डम्प मालिको द्वारा बड़े बड़े ट्रकों में लकड़ी लदवाकर दूर बिक्री के लिए भेजी जाती है। जहां हाइवे में पुलिस परमानेंट तैनात रहती है।
जिस पर अगर आप भूल से भी मोटरसाइकिल पर तीन सावरिया बैठ के निकलो तो चलान हो जाता है। तो फिर उन्हें ये लकड़ी लदे ट्रैक्टर क्यो नही दिखाई देते।