विदेशियों के लैपटॉप-कंप्यूटर में वायरस डालने के बाद,70 करोड़ रुपये की ठगी
दिल्लीः
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा में विशेष जांच दल (STF) ने एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग विदेशियों के लैपटॉप-कंप्यूटर में वायरस डालने के बाद उसे ठीक कराने के नाम पर 170 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कर चुके थे.
एसटीएफ के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को नोएडा के सेक्टर-59 स्थित बी-36 में कथित कॉल सेंटर पर छापा मारा और गिरोह के सरगना सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपियों ने अमेरिका से लेकर दुबई तक के सैकड़ों लोगों से ठगी की बात स्वीकार की है.
यूपी एसटीएफ के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सेक्टर-44 निवासी करन मोहन, बेगमगंज गोंडा निवासी विनोद सिंह, सेक्टर-92 निवासी ध्रुव नारंग, सेक्टर-49 निवासी मयंक गोगिया, सेक्टर-15ए निवासी अक्षय मलिक, गढ़ी चौखंडी निवासी दीपक सिंह, गौड़ सिटी निवासी आहूजा पॉडवाल, दिल्ली निवासी अक्षय शर्मा, जयंत सिंह व मुकुल रावत के रूप में हुई है.
सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर आरोपियों ने अलग-अलग नाम से कंपनियां बना रखी थीं. कॉल सेंटर से विदेशी नागरिकों से संपर्क कर कंप्यूटर-लैपटॉप में वायरस डालकर ठीक करने का झांसा दिया जाता था. तकनीकी सहयोग के नाम पर आरोपी अलग-अलग सॉफ्टवेयर से लैपटॉप-कंप्यूटर को हैक कर लेते थे और विदेशी नागरिकों के ऑनलाइन खाते या क्रेडिट कार्ड की डिटेल चुराकर किराए पर लिए गए विदेशी खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते थे.
एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने बताया कि उनके पास हवाला के माध्यम से भारतीय मुद्रा में नकद आता था. किराए के खाते में डॉलर में पैसे जाते थे. फिर किराए पर खाता मुहैया कराने वाले कमीशन काटकर भारत में रुपये हस्तांतरित कर देते थे.