आदर्श गांव के 30 परिवार बिजली रोशनी से महरूम
बांदा,संवाददाता। आदर्श गांव का दर्जा हासिल कर चुके सांसद के गोद लिए गांव कटरा कालिंजर के महामाइन पुरवा में स्थित 30 परिवार छह साल से बिजली की रोशनी से महरूम हैं। बिजली विभाग ने लाखों रुपये खर्च कर लाइन खींच दी।
ट्रांसफार्मर लगा दिए गए, लेकिन करंट नहीं पहुंचा। नतीजे में जंगल क्षेत्र में आबाद इन परिवारों की रात अंधेरे में बीत रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सांसद के हाथों विद्युतीकरण का उद्घाटन कराने के बाद बमुश्किल हफ्तेभर ही बिजली मिली। इसके बाद अब तक आपूर्ति चालू नहीं की गई।
देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने को ऐतिहासिक कालिंजर दुर्ग को विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस करने की कवायदें हो रही हैं, लेकिन इसके नीचे बसा कटरा कालिंजर गांव उपेक्षा का शिकार है।
पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र ने लगभग सात साल पूर्व इस गांव को गोद लिया था। आदर्श गांव बनाने की पूरी रूपरेखा तैयार की गई। सड़क, पानी, बिजली, पीएम-सीएम आवास, स्वच्छ शौचालय समेत विभिन्न योजनाओं पर काम शुरू हुआ। सांसद ने विकास कार्य के लिए अपनी निधि से भी धन मुहैया कराया, लेकिन महामाइन पुरवा की दशा नहीं सुधरी।
सांसद रहे मिश्र द्वारा इस पुरवा में विद्युतीकरण के लिए निधि से राशि जारी की गई थी। दो किलोमीटर दूर सतना मार्ग से पुरवा तक लाइन खींचकर आपूर्ति दी गई। सांसद के उद्घाटन से बमुश्किल एक हफ्ते तक ही पुरवावासियों को बिजली मिली, इसके बाद गुल हुई बिजली आज तक नहीं आई। ग्रामीणों ने रोष जताया कि ट्रांसफार्मर और तार शोपीस बने हैं।
छह साल हो गए बिजली नहीं मिली। आरोप लगाया कि बिजली कनेक्शन जोड़ने के नाम पर प्राइवेट कंपनी द्वारा रुपये की मांग की जा रही है। शीघ्र बिजली न मिलने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता, एसडीओ, अवर अभियंता सहित उच्चाधिकारियों से कई बार शिकायतें की गईं। हर बार अधिकारी द्वारा एक हफ्ते में आपूर्ति शुरू करने का भरोसा दिया जाता है। इस भरोसे के सहारे सालों बीत गए, लेकिन पुरवा के 30 परिवारों को बिजली नहीं मिल सकी।