वृद्धा आश्रम के निरीक्षण में मिली खामियां
उरई/जलौन,संवाददाता। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार न्यायिक अधिकारियों ने जिले में संचालित दो शेल्टर होम राठ रोड में संचालित वृद्धा आश्रम व मोहल्ला लहरियापुरवा स्थित आश्रय गृह का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने व्यवस्थाओं को परखा और आवश्यक दिशा निर्देश भी प्रबंधकों को दिए।
न्यायिक अधिकारियों ने उक्त दोनों आश्रय स्थलों के आश्रितों के रहनसहन, खान पान, चिकित्सा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और बुनियादी व्यवस्थाओं को जांचा परखा। अधिकारियों ने इन दोनों स्थानों पर कई खामियां पाई। वद्धा आश्रम के निरीक्षण के दौरान 72 लोगों के नाम दर्ज पाए गए। जबकि टीम को सिर्फ 42 लोग उपस्थित मिले।
अपर जिला जज प्रथम सुरेश चन्द्र आर्य, विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट बीडी भारतीए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजू राजपूत एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेनू यादव आदि न्याय टीम बसे पहले समाज कल्याण विभाग द्वारा राठ रोड उरई में एक एनजीओ के सहयोग से संचालित वृद्धाआश्रम का निरीक्षण किया। इसमें 44 लोग मिले। जबकि पंजीकरण रजिस्टर में 72 नाम दर्ज थे।
मिलान किए जाने पर पंजीकृत एवं वास्तविक रूप से उपस्थित संवासियों (रहने वालों) की संख्या में अंतर पाया गया। शेष संवासियों के संबंध में पूछे जाने पर व्यवस्थापक ने बताया कि 17 लोग अनुपस्थित है। शेष संवासी कोविड-19 की वैक्सीन लगवाने के लिए गए है।
उपस्थिति पंजिका में दर्ज कर्मचारियों में से 4 कर्मचारी अनुपस्थित मिले। वृद्धा आश्रम की संवासियों से पूछा गया कि उन्हें चाय नाश्ता और सुबह-शाम का भोजन समय से मिल रहा है या नहीं। इसे लिए मैन्यू चेक किया गया। भंडार गृह का निरीक्षण करने पर पाया गया कि स्टाक रजिस्टर में दर्ज सामग्री मौके पर बहुत कम मात्रा में पाई गई।
वृद्धाआश्रम की मेडिकल डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने पर स्टाफ नर्स अनुपस्थित थी। इस पर अधिकारियों ने प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई गई। इसके बाद टीम ने नगर पालिका परिषद उरई के सहयोग से मोहल्ला लहरियापुरवा में लखनऊ के एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह शेल्टर होम का निरीक्षण किया।
यहां की आश्रित पंजिका में निरीक्षण तिथि में एक भी आश्रित पंजीकृत नहीं मिला। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी अभी तक उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रबंधक को फटकार लगाई।