आज शनैश्चरी अमावस्या पर करें ये 6 उपाय, शनि देव और पितर दोनों होंगे प्रसन्न
आज 27 अगस्त को शनैश्चरी अमावस्या (Shani Amavasya) है. 14 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि भाद्रपद माह में शनैश्चरी अमावस्या पड़ी है. धार्मिक दृष्टि से इस आमवस्या का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन आप अपने पितरों के साथ ही शनि देव को भी प्रसन्न कर सकते हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बताते हैं कि शनैश्चरी अमावस्या के दिन आप कुछ आसान उपायों और टोटकों को करके अपने कष्टों को दूर कर सकते हैं और शनि देव तथा पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त कर सकते हैं.
शनैश्चरी अमावस्या पर किए जाने वाले उपाय
1. आज के दिन आप तिल और सरसों के तेल का दान करें. इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको ये दोनों 800 ग्राम 800 ग्राम की मात्रा में करना चाहिए. कारण यह है कि शनि का संबंध 8 अंक से माना जाता है.
2. शनैश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की जड़ का पूजन जल और दूध से करें. तेल का दीपक जलाकर उसे पश्चिम दिशा में रखें. फिर शनि देव के बीज मंत्र का जाप करें. इस उपाय से शनि देव प्रसन्न होंगे और पीपल के पेड़ की पूजा से पितर भी खुश होंगे.
3. शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर एक रोटी में सरसों का तेल लगा दें. फिर उसे किसी काले रंग के कुत्ते को खिला दें. ऐसा करने से शनि ग्रह जुड़े दोष दूर होते हैं.
4. इस दिन काली उड़द का टोटका भी किया जाता है. शनैश्चरी अमावस्या से एक दिन पूर्व रात्रि में सवा पाव काली उड़द को काले रंग के कपड़े में बांधकर सिराहने रखकर सो जाएं. फिर अगले दिन शनिवार को उसे शनि मंदिर में ले जाकर दान कर दें. शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
5. आज शनि मंदिर में जाकर शनि देव के दर्शन करें. वहां पर कम से कम आठ बार शनि चालीसा का पाठ करें. सरसों के तेल या तिल के तेल से शनि देव की आरती करें. फिर जरुरतमंदों को भोजन खिलाएं. शनि देव आपका कल्याण करेंगे.
6. शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आज के दिन आप शनि यंत्र की पूजा कर सकते हैं या फिर घोड़े की नाल या नाव की कील का एक रिंग बनाकर धारण कर सकते हैं. इसके लिए पहले शनि देव की विधिपूर्वक पूजा कर लेनी चाहिए, फिर शनि मंत्र के जाप के साथ दाएं हाथ के बीच वाली अंगुली में धारण करना चाहिए.