200 साल पुराना अनोखा मंदिर: एक साथ होती है राधा-कृष्ण और बलराम की पूजा

दिल्लीः छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के दिग्विजय महल में लगभग डेढ़ सौ से 200 साल पुरानी बलदेव राधा कृष्ण मंदिर है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजनांदगांव के राजाओं ने महल परिसर के अंदर कराया था, जो आज भी जहां स्थापित है. पिछले डेढ़ से 200 सालों से लगातार यहां राधा कृष्ण और भगवान बलराम की प्रतिमा है, जिसकी पूजा अर्चना की जाती है.जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर का विशेष महत्व माना जाता है. कहा जाता है कि राजनांदगांव के राजा वैष्णव संप्रदाय के राजा थे, जो भगवान कृष्ण के अनुयाई थे. वे भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहते थे.

प्राचीन काल से ही दिग्विजय महल के परिसर के अंदर भगवान बलदेव राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण कराया गया था. मंदिर में पूजा अर्चना राजपुरोहितों के द्वारा की जाती थी. यह परंपरा आज भी निरंतर जारी है. वैष्णव राजा होने के कारण भगवान कृष्ण के भक्त थे. यह राज्य परिवार भगवान कृष्ण को मानता था.

राजपरिवार ने एक भव्य मंदिर का निर्माण  महल परिसर के अंदर कराया था, जो मंदिर आज भी इस परीसर में विद्यमान हैं. ऐसा भी माना जाता है कि प्रदेश में भगवान बलराम और राधा कृष्ण एक साथ सिर्फ राजनांदगांव में ही हैं और दूसरी जगह नहीं.

मथुरा: बांके बिहारी में हुआ दर्दनाक हादसा, मंगला आरती के दौरान 2 की मौत, 6 घायल

जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना पूरे देश में की जाती है. नटखट गोपाल के लिए लोग व्रत रखते हैं और रात को व्रत तोड़ा जाता है. ऐसा माना जाता है कि रात 12:00 बजे भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. भक्त अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना बहुत धूमधाम से करते हैं.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker