रो खन्ना के भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को बढ़ावा देने वाले वाले प्रस्ताव को अमेरिकी सीनेट ने प्रचंड बहुमत से पास कर दिया

दिल्लीः संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) की प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (NDAA) में रो खन्ना के संशोधन को मंजूरी दे दी है. काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत भारत के लिए विशिष्ट छूट वाले प्रस्ताव को प्रचंड बहुमत के साथ अमेरिकी सीनेट ने 330/99 से पास कर दिया. हालांकि अभी तक यह प्रस्ताव कानून का हिस्सा नहीं है. अधिनियम को सदन और सीनेट दोनों में पारित करना होगा, उसके बाद ही इसे कानूनी तौर पर मूर्त रूप दिया जा सकता है. खन्ना के संशोधन को अमेरिकी विधायी शाखा (कैपिटल हिल) राजनीतिक समर्थन के संकेत के रूप में देख रही है.

रो खन्ना के संशोधन का प्रस्ताव है कि ‘कांग्रेस यह मानती है कि भारत चीन से तत्काल और गंभीर क्षेत्रीय सीमा खतरों का सामना कर रहा है. सीमा पर चीन से गतिरोध की स्थिति में भारत अपनी रक्षा जरूरतों को मजबूत करना चाहेगा. इसके लिए भारत सबसे ज्यादा रूस पर निर्भर है. हथियार के लिए भारत की रूस पर निर्भरता के बारे में अमेरिका को कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे भारत की रूस पर निर्भरता कम हो. ऐसे में CAATSA के तहत प्रतिबंधों में छूट से अमेरिका और भारत की रक्षा साझेदारी को मजबूती मिलेगी.’

दरअसल एनडीएए (NDAA) एकछत्र कानून है, जो अमेरिकी रक्षा एजेंसियों को परिभाषित करता है, इन एजेंसियों के लिए विशेष रूप से रक्षा विभाग (डीओडी) वित्त पोषण निर्धारित करता है, और वित्त पोषण के उपयोग के लिए व्यापक नीतियों को तैयार करता है. 2023 में जब भी एनडीएए पास होगा तो रक्षा के लिए $800 बिलियन से अधिक प्रदान करेगा.

भारतीय-अमेरिकी एवं हाउस आर्म्ड सर्विसेज एक्ट के सदस्य रो खन्ना का कहना है कि यह प्रस्ताव यूएस-इंडिया रक्षा साझेदारी, हिंद-प्रशांत में अमेरिका की मजबूती के लिए यह महत्वपूर्ण है. खन्ना के संशोधन ने क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी) पर यूएस-इंडिया इनिशिएटिव (आईसीईटी) की भी सराहना की.

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