आयुष्मान योजना के नाम पर उत्तराखंड में एक और फर्जीवाड़ा आया सामने

दिल्लीः आयुष्मान योजना में पंजीकृत यूएस नगर के एक प्राइवेट हॉस्पीटल ने आईसीयू में इलाज के बिना ही मरीजों के फर्जी क्लेम प्रस्तुत कर दिए। यही नहीं जो डॉक्टर अस्पताल में तैनात ही नहीं है उसके नाम से भी फर्जी बिल बनाए गए हैं। फर्जीवाड़ा कर बनाए गए कुल एक करोड़ पांच लाख के बिलों का भुगतान रोकते हुए अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है।

आयुष्मान योजना को संचालित करने वाले राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत प्राइवेट अस्पताल के इलाज के बिलों में बड़े स्तर पर गड़बड़ी पकड़ी गई है। यह देखते हुए अस्पताल का भुगतान रोकते हुए नोटिस जारी किया गया है।

सात दिन के भीतर नोटिस का जबाव न आने पर अस्पताल को योजना से बाहर कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल की ओर से इलाज के जो बिल भुगतान के लिए भेजे गए उनमें कई तरह की गड़बड़ी पाई गई है। आईसीयू के 118 बिल फर्जी पाए गए
डीके कोटिया ने बताया कि अस्पताल की ओर से भुगतान के लिए बिल भेजे थे।

भेजे गए बिलों में से 118 ऐसे थे जिसमें मरीजों का इलाज आईसीयू में दिखाया गया है लेकिन इसका कोई सुबूत नहीं है। इसके अलावा 49 बिल ऐसे हैं जिसमें ऐसे डॉक्टर के नाम से इलाज दिखाया गया है जो अस्पताल में तैनात नहीं है। अस्पताल की ओर से अपने पोर्टल में भी इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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