कम सैलरी दे रही थी गूगल,5 साल लड़कर महिलाओ ने जीता केस

दिल्लीः लिंग के आधार पर भेदभाव करने के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी Google विवादों में घिरी गई है। गूगल कंपनी महिला कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर उन्हें कम वेतन पर नौकरी पर रखे हुए थी। समान वेतन पाने के लिए महिलाएं लंबे समय से कोर्ट में मुकदमा लड़ रहीं थी, अब जाकर उन्हें अपना हक मिला है। कंपनी ने मुकदमे को निपटाने के लिए सहमति भरी है और अब गूगल 15,500 महिला कर्मचारियों को 118 मिलियन डॉलर, यानी 920 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी।

साल 2017 में कैलिफोर्निया में गूगल की पूर्व महिला कर्मचारी केली एलिस, होली पीज, केली विसुरी और हेइडी लैमर ने कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। महिलाओं का दावा था कि कंपनी ने एक ही पद पर उन्हें पुरुषों के मुकाबले कम वेतन दिया है। इस मामले में सैनफ्रांसिसको सुप्रीम कोर्ट के जज ने समझौते की रजामंदी दे दी है।

इस समझौते में 14 सितंबर 2013 से गूगल में अलग-अलग 236 पदों पर जॉब करने वाली कैलिफोर्निया की 15,500 महिलाओं को समझौते की राशि दी जाएगी। इन कर्मचारियों ने कई डिवीजन और स्तर पर काम किया। अब हर महिला को लगभग 7,612 डॉलर, यानी 5.94 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा।

महिला कर्मचारियों का दावा था कि गूगल कंपनी महिला और पुरुष को योग्यता और अनुभव के आधार पर नहीं, बल्कि जेंडर के आधार पर सैलरी दे रही थी। गूगल एक महिला कर्मचारी को हर घंटे के $ 18.51 देती थी, जबकि एक ही पद पर नौकरी करने वाले कम एक्सपीरिएंस और योग्यता वाले पुरुष को $ 21 हर घंटे का भुगतान किया जा रहा था|

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