चुनाव से ठीक पहले हुए बदलाव से असंतोष की लहर, गुजरात में आप का बिगड़ सकता है गेमप्लान

दिल्लीः इसी साल पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की नजरें अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे बड़े गढ़ गुजरात पर हैं। इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी वहां जोर-शोर से जुट गई है। भाजपा और कांग्रेस को हटाकर एक बार मौका देने की गुजारिश कर रहे अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में वहां नई टीम भी बनाई है। संगठन में 850 नए पदाधिकारियों का ऐलान किया गया है, जिनकी मदद से पार्टी को अच्छे परिणाम की उम्मीद है।

हालांकि, चुनाव से ठीक पहले हुए इस बदलाव ने पार्टी में असंतोष की लहर भी पैदा कर दी है। जिन्हें पद मिला वे तो खुश हैं, लेकिन जिनकी छुट्टी हुई वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। कुछ तो खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करने लगे हैं। ऐसे में राजनीतिक जानकार इसे पार्टी की नई चुनौती के रूप में देख रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि यदि अरविंद केजरीवाल ने जल्द ही असंतोष को दूर नहीं किया तो अपने ही खिलाड़ी गेमप्लान बिगाड़ भी सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई नेताओं ने तो भाजपा और कांग्रेस में संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी है।

हालिया पुर्नगठन में पार्टी ने जातिगत, सामुदायिक और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है। ऐसा करते हुए पार्टी को कई ऐसे नेताओं को नजरअंदाज करना पड़ा जो शुरुआत से ही जुड़े हुए थे। इसुदन गदवी और इंद्रनील राजगुरु जैसे नेताओं को राष्ट्रीय भूमिका में लाया गया है, जबकि गोपाल इटालिया पर भरोसा बरकरार रखा गया है। हलांकि, सेनापति के अलावा आप ने ऊपर से नीचे तक अधिकतर पदों पर नई नियुक्तियां की हैं। आने वाले दिनों में पार्टी पदाधिकारियों की दो नई लिस्ट जारी कर सकती है।

नई टीम का ऐलान करने के लिए गुजरात पहुंचे अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद डॉ. संदीप पाठक ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि पार्टी ने 2 महीने में 30 हजार सक्रिय सदस्य बनाए हैं और आने वाले चुनाव में चीजों को व्यवस्थित करने के लिए बदलाव किया गया है। उन्होंने कहा, ”पार्टी  सदस्यता में विस्तार के साथ संगठन का भी विस्तार हुआ है। विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर अधिकतर नेताओं को समायोजित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार भी घोषित करेगी। 

संगठन में हुए फेरबदल से पार्टी के पुराने नेता काफी असंतुष्ट हैं। इनमें शामिल पूर्व उपाध्यक्ष भीमाभाई चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ”मैं आप का सदस्य हूं, लेकिन मैंने अपनी निराशा से हाई कमान को अवगत करा दिया है। फेरबदल करने से पहले मुझसे विचार तक नहीं लिया गया। हम पार्टी की स्थापना के समय से सदस्य है, भाजपा और कांग्रेस दोनों से लड़ते रहे, लेकिन बड़े पद उन्हें मिले जो नए हैं।”

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