जस्टिस रमन्ना ने बताई न्यायपालिका की चिंता की ये बड़ी वजह

दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना ने न्यायपालिका के बुनियादी ढाँचे की कमी और ​ख़ाली पड़े पदों को चिंता की बड़ी वजह बताया है.

चीफ जस्टिस  (Hyderabad) हैदराबाद के गचिबोव्ली में तेलंगाना स्टेट ज्यूडिशियल ऑफिसर कॉन्फ्रेंस (Telangana State Judicial Officers Conference) के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अदालतों में बड़ी संख्या में  केस लंबित हैं और इसके पीछे तमाम वजह है. लोग जब न्याय के लिए कोर्ट जाते है तो हमेशा उनके मन में सवाल रहता है कि फैसला आने में न जाने कितने साल  लगेंगे.

उन्होंने कहा है कि लोगों को तभी न्याय दिया जा सकता है जब हम पर्याप्त संख्या में अदालतों और बुनियादी ढाँचों का इंतजाम कर सकें.

उनके अनुसार, ”हमारी न्यायपालिका पर ज़रूरत से ज़्यादा बोझ है… मामले लगातार आ रहे हैं. किसी केस पर सुनवाई पूरी होने में कितन साल लगेंगे?”

भारतीय अदालतों में लंबित मामले

देश की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कुल 4.09 करोड़ मामले लंबित हैं.

क़ानून मंत्रालय के अनुसार, इस साल के मार्च तक केवल सुप्रीम कोर्ट में 70 हज़ार से मामले विचाराधीन हैं.

वहीं देश के विभिन्न हाईकोर्ट में लंबित मामलों की संख्या इस मार्च तक क़रीब 59 लाख हैं. बाक़ी मामले देश की निचली अदालतों में लंबित हैं.

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker