देश में बढ़ रहा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन , यूपीआई ट्रांजेक्शन दोगुना हुआ

दिल्ली: यूपीआई ने देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा दिया और डिजिटल लेनदेन आसान बना दिया। इसके चलते बीते चार साल में वैल्यू के हिसाब से रिटेल डिजिटल पेमेंट में यूपीआई की हिस्सेदारी दोगुनी से ज्यादा हो गई; लेकिन बैंकों, एनबीएफसी और फिनटेक कंपनियों की फी इनकम करीब एक तिहाई घट गई। इन्हें यूपीआई ट्रांजेक्शन से आय नहीं होती है।

दरअसल, मुफ्त और आसान सर्विस के चलते यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल साल दर साल तेजी से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीनों में ही पर्सन-टू-मर्चेंट पेमेंट्स में यूपीआई की हिस्सेदारी 42% हो गई, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 28% थी। स्थिति यह है कि वैल्यू के हिसाब से फरवरी में करीब 80% रिटेल डिजिटल पेमेंट यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिये हुए। आईएमपीएस और नेफ्ट जैसे तरीकों से लेनदेन इसमें शामिल नहीं है।

विश्लेषकों के मुताबिक, यूपीआई ट्रांजेक्शन बढ़ने से बैंकों की फी इनकम घटी है। मसलन, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एक्सिस बैंक की कुल फी इनकम में रिटेल कार्ड फी के तौर पर होने वाली आय घटकर 1.9% रह गई जो चार साल पहले 2.5% थी। अन्य बैंकों की भी मोटे तौर पर यही स्थिति है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने एक नोट में लिखा है, ‘पेमेंट प्रोसेसिंग बिजनेस में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच यूपीआई के माध्यम से ट्रांजेक्शन बढ़ने की वजह से पूरे इकोसिस्टम में पेमेंट्स फी के तौर पर होने वाली आय लगातार घटती जा रही है।’

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