कोलकाता के कैफे टूरिस्ट्स को कर रहे हैं अट्रैक्ट

एनी ने कहा कि उन्हें लॉकडाउन के बाद अपना कैफे फिर से चालू करने के लिए अपने सभी गहने बेचने पड़े। उन्होंने कहा, ''मैं किसी भी सूरत में इसे डूबते नहीं देख सकती थी।''

कैफे कारोबार में  आमतौर पर पुरुषों का वर्चस्व देखा जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला उद्यमियों ने इस क्षेत्र में स्वयं को साबित किया है और नए जमाने के ‘थीम’ आधारित कैफे खोले हैं। 

इन उद्यमियों में अभिनेत्री से उद्यमी बनी स्वरालिपि चटर्जी भी शामिल हैं, जो कोलकाता के जोधपुर पार्क का लोकप्रिय कैफे ‘अबर बैठक’ संचालित करती हैं। यह फिल्मकार सत्यजीत रे के लोकप्रिय जासूसी किरदार ‘फेलुदा’ की ‘थीम’ पर आधारित पहला कैफे है।


वर्ष 2014 तक बंगाली धारावाहिकों का लोकप्रिय चेहरा रहीं चटर्जी ने कहा, ”रवींद्र सरोबर इलाके में 2010 में हमारे शुरुआती स्टार्टअप कैफे के त्रुटिपूर्ण योजना के कारण सफल नहीं हो पाने के कुछ साल बाद हमने यह कैफे खोला, लेकिन मेरे पति से मेरा तलाक हो जाने के बाद मुझे अब इसे अकेले संचालित करना पड़ रहा है।

” चटर्जी ने कहा कि उन्होंने और उनके पूर्व पति ने ग्राहकों के लिए ‘अड्डा’, स्वादिष्ट भोजन और अच्छा माहौल मुहैया कराने के अपने जुनून के कारण कैफे शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि उनके पूर्व पति बहुत स्वादिष्ट खाना पकाते हैं और उन्हें टेलीविजन पर ”अर्थपूर्ण भूमिकाएं” भी नहीं मिल रही थीं, जिसके कारण उन दोनों ने यह कारोबार शुरू करने का फैसला किया।

इस साल अभिनय करियर फिर से शुरू करने की योजना बना रहीं चटर्जी ने कहा कि महिलाओं को हर कदम पर स्वयं को साबित करना होता है और ऐसा करने के लिए दृढ़ संकल्प बहुत अहम है।

उन्होंने शहर के दक्षिणी इलाके के बाहर नरेंद्रपुर इलाके में एक अन्य कैफे खोला है। इसी प्रकार संगीतकार आर डी बर्मन के गीतों की थीम पर ‘हिंदुस्तान पार्क’ में स्थित एक अन्य लोकप्रिय कैफे ‘पंचम एर अड्डे’ की मालिक अमृता एनी ने कहा कि 1970 और 80 के दशक के संगीत की थीम पर आधारित कैफे खोलना उनका सपना था, जो अगस्त 2019 में पूरा हुआ। 


एनी ने कहा कि उन्हें लॉकडाउन के बाद अपना कैफे फिर से चालू करने के लिए अपने सभी गहने बेचने पड़े। उन्होंने कहा, ”मैं किसी भी सूरत में इसे डूबते नहीं देख सकती थी।”


विवेकानंद पार्क के एक लोकप्रिय कैफे ‘होला’ की मालिक अरुणिमा धवन ने कहा कि उन्हें स्वादिष्ट व्यंजनों का बहुत शौक है और उन्हें यह कारोबार शुरू करने में अपने पति का पूरा सहयोग मिला। 

उन्होंने कहा, ”यह चार साल पुरानी यात्रा है और हम अब भी सीख रहे हैं। हमने जब यह कारोबार शुरू किया था, उस समय हमें व्यंजनों और पेय पदार्थों के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी।

” इस बीच, चाय कैफे ‘टीटॉनिक’ की सह मालिक राजरीता सेन ने कहा कि उद्यमिता में पारंपरिक रूप से पुरुषों का वर्चस्व रहा है, लेकिन अब चीजें बदलनी शुरू हो गई हैं।

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