यूपी में बीजेपी की प्रचंड जीत का जोरदार जश्न
नयी दिल्लीः उत्तर प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत का जश्न मन रहा है। 37 सालों बाद किसी पार्टी को जनता ने दोबारा सत्ता की कुर्सी पर बैठाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सूबे में योगी और मोदी फैक्टर चला है और लोगों ने उनपर भरोसा जताया है। योगी आदित्यनाथ पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद राज्य में सत्ता में लौटने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। बीजेपी को 255 सीटें मिली हैं जबकि कड़ी टक्कर देने वाली सपा को केवल 111 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। धुआंधार प्रचार करने वाली कांग्रेस के खाते में दो सीटें मिली हैं। वहीं चार बार प्रदेश की कमान संभालने वाली मायावती की पार्टी को केवल एक सीट पर जीत मिली है। जनता द्वारा दिए गए जनादेश का आभार व्यक्त करते हुए गुरुवार को सीएम योगी ने अपने भाषण में कहा, ‘बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने पिछले पांच साल में सुरक्षा का माहौल बनाया और आस्था को सम्मान दिया।’ वहीं पीएम मोदी ने बीजेपी के पक्ष में मतदान करने के लिए वोटर्स का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि 10 मार्च से ही होली का त्योहार शुरू हो गया है। 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजें साफ कर दिए हैं। हार के बाद पहली बार अखिलेश ने जनता को सीटें और मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सीटों का घटाव जारी रहेगा और जनहित का संघर्ष जीतेगा। बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी पार्टी करारी शिकस्त पर बयान दिया है। उन्होंने इसके लिए प्रदेश में हिंदू और मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि मुस्लिम समाज बसपा के साथ तो लगा रहा लेकिन इनका पूरा वोट समाजवादी पार्टी की तरफ शिफ्ट कर गया।
विधानसभा चुनाव में भाजपा और गठबंधन को प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशांबी जिलों में नुकसान हुआ तो मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने लंबी छलांग लगाई है। 2017 के परिणाम से तुलना करें तो तीनों जिलों की 22 सीटों में भाजपा और अपना दल (एस) को कुल छह सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। 2017 में भाजपा को 13 और अपना दल (एस) को तीन कुल 16 सीटें मिली थीं। लेकिन इस बार भाजपा को आठ और सहयोगी अपना दल (एस) को दो सीटें मिली हैं।
मोदी के नाम और योगी के काम यानी ‘एमवाई’ फैक्टर पर जनता के विश्वास का नतीजा रहा कि यूपी में 37 साल बाद भाजपा सरकार ने फिर वापसी कर ली है। भाजपा की सीटें भले पहले से कम रहीं लेकिन पार्टी के वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की मुख्य विरोधी रही समाजवादी पार्टी का प्रमुख समीकरण एमवाई (यादव, मुस्लिम) फैक्टर ही था।