भारत-अमेरिका ने ऊर्जा साझेदारी बढ़ाने पर जताई सहमति

असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग की प्रगति की भी हुई समीक्षा
नईदिल्ली। भारत और अमेरिका ने आपसी सहयोग के क्षेत्रों की लिस्ट में उभरते ईंधन को शामिल कर ऊर्जा साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस लिस्ट में बिजली और ऊर्जा दक्षता, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा और सतत वृद्धि को पहले ही शामिल किया गया है.

तेल मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि इस घोषणा के बाद गुरुवार शाम को अमेरिका-भारत रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की मंत्रिस्तरीय बैठक हुई.


बयान में कहा गया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एससीईपी के तहत अमेरिकी ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रानहोम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की.

बयान में अधिक विवरण दिए बिना कहा गया, ‘बैठक में भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग की प्रगति की भी समीक्षा की गई.

एससीईपी को इस साल अप्रैल में आयोजित जलवायु पर नेताओं के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा घोषित यूएस-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी के मुताबिक लॉन्च किया गया था.

दोनों पक्षों ने उभरते ईंधन पर पांचवें पिलर को जोडऩे की घोषणा की, जो स्वच्छ ऊर्जा ईंधन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त संकल्प की ओर इशारा करता है.

बयान में कहा गया है कि जैव ईंधन क्षेत्र में सहयोग के दायरे को बढ़ाने के लिए जैव ईंधन पर एक नई भारत-अमेरिका टास्क फोर्स की भी घोषणा की गई है.


इसके साथ ही, एससीईपी इंटर गवर्नमेंट इंगेजमेंट का विस्तार अब सहयोग के पांच पिलर्स- बिजली और ऊर्जा दक्षता, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, सतत विकास और उभरते ईंधन तक हो गया है.

बयान में कहा गया है, मंत्री पुरी और सचिव ने प्रगति और प्रमुख उपलब्धियों की समीक्षा की और विभिन्न स्तंभों के तहत सहयोग के लिए नए क्षेत्रों को प्राथमिकता दी.

बयान के अनुसार, इस बैठक में भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग की प्रगति की भी समीक्षा की गई है.

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