कोरोना के साए में लगातार दूसरे साल ऑनलाइन ही होंगे बप्पा के दर्शन

मुंबई। महाराष्ट्र के मुंबई महानगर और अन्य शहरों में शुक्रवार को गणेश चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने अपने घरों और सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणेश का स्वागत किया।

हालांकि, कोविड-19 वैश्विक महामारी की तीसरी लहर के खतरे के बीच इस साल भी लोग बप्पा के दर्शन ऑनलाइन ही कर पाएंगे। वैश्विक महामारी के कारण लगातार दूसरी बार गणेश उत्सव का जश्न फीका रहेगा, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने सभाओं और जुलूस से बचने के लिए कई प्रतिबंध लगाए हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने वैश्विक महामारी के कारण गणेशोत्सव के दौरान लोगों के पंडाल में जाने पर रोक लगाई और कहा है कि पंडाल से केवल ऑनलाइन दर्शन की अनुमति दी जाएगी।

कोविड-19 की स्थिति का हवाला देते हुए मुंबई पुलिस ने भी 10 सितंबर से 19 सितंबर के बीच गणेश उत्सव के दौरान धारा 144 लागू करने का निर्णय किया है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस दौरान शहर में किसी भी प्रकार का जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी और श्रद्धालुओं को गणेश पंडालों में जाने की भी इजाज़त नहीं होगी।

लोग ऑनलाइन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (जैसे टीवी) के माध्यम से पंडालों में स्थापित गणेश प्रतिमाओं के दर्शन कर सकते हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए महाराष्ट्र के गृह विभाग ने पंडालों में जाने पर पाबंदी लगाने संबंधी परिपत्र जारी किया है।

साथ ही, भगवान गणेश की मूर्तियों को स्थापित करने की ऊंचाई को भी सीमित कर दिया गया है। मुंबई में, लगभग 12,000 सार्वजनिक (समुदाय) मंडल और लगभग 2 लाख घर हैं, जहां भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं।

बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष नरेश दहीबावकर ने बताया कि पिछले वर्ष 90 प्रतिशत मंडलों ने ही कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए त्योहार मनाया था, जबकि इस वर्ष सभी मंडल गणपति की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं।

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