बैजनाथ महादेव की शाही सवारी को लेकर विवाद

आगर-मालवा। परंपरागत रूप से निकलने वाली बैजनाथ महादेव की शाही सवारी को लेकर पुलिस प्रशासन और भक्तों के बीच भारी तनातनी के बाद पथराव और लाठीचार्ज हुआ ।

प्रतिवर्ष सावन के अंतिम सोमवार को निकलने वाली शाही सवारी 16 अगस्त को प्रशासन ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सवेरे 7:00 बजे से प्रारंभ कर शहर भ्रमण कराते हुए 10:00 बजे समाप्त करवा दी थी ।

इसके बाद हिंदू संगठनों ने प्रशासन के उक्त कदम का विरोध करते हुए शहर में वाहन रैली एवं चक्का जाम कर सवारी दोबारा निकाले जाने की मांग की थी।

ठीक उसी दिन दोपहर को मंत्री हरदीप सिंह डंग आगर पहुंचे थे जिन्होंने पत्रकारों के सामने घोषणा की थी कि 23 अगस्त को शाही सवारी दोबारा सब के सहयोग से निकलेगी।

पिछले 1 हफ्ते से भक्त मंडल और हिंदू संगठनों के नेता कार्यकर्ता 23 अगस्त को शाही सवारी दोबारा निकालने की जिद पर अड़े थे और उन्होंने सवारी निकालने की घोषणा कर दी ।

शनिवार को अचानक एक घटनाक्रम में बैजनाथ भक्त मंडल ने अपने आपको शाही सवारी से दूर करते हुए एक पत्र जारी कर कहा कि वह शाही सवारी का प्रस्ताव वापस ले रहे हैं, लेकिन हिंदू संगठन सवारी निकालने को अड़े रहे ।

काफी समझाइश्‍ के बाद भी जब कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाईवे से हटना मंजूर नहीं किया तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया । इसके जवाब में कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरू कर दिया ।

पथराव में पुलिस की एक गाड़ी के कांच फूटने के अलावा अन्य नुकसान की बात पुलिस द्वारा कही जा रही है । भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष मयंक राजपूत के साथ कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है ।

कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े, एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव अंकुश भटनागर के अलावा कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर नलखेड़ा थाने पर भेजा गया है।

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