अब पाकिस्तान में खेलों पर ध्यान देंगे पीएम इमरान खान

तोक्यो में हुए 2020 ओलंपिक के दौरान पाकिस्तानी एथलीटों की खस्ता हालत को देखने के बाद अब पीएम इमरान खान ने खेल मंत्री फहमिदा मिर्जा को बैठक के लिए बुलाया है। पाकिस्तान की ओर से 10 एथलीट ओलंपिक का हिस्सा बने थे लेकिन देश को एक भी मेडल नहीं मिल सका।

हालांकि, जैवलिन थ्रो में अरशद नदीम और वेटलिफ्टर तलहा तालिब ने टॉप पांच में जगह जरूर बनाई। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार के अंदरखाने यह भी फुसफुसाहट है कि भारत को ओलंपिक में सात मेडल मिलने के बाद इमरान खान ने खेलों की ओर ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया है। 

मंत्री असद उमर ने पाकिस्तान टीवी चैनल से बातचीत के दौरान यह बताया कि प्रधानमंत्री अब अपने दो साल के बचे हुए कार्यकाल में खेलों की ओर ध्यान देंगे क्योंकि वह चाहते हैं कि क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों में भी देश के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन दें। 

जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक सहित भारत ने तोक्यो ओलंपिक में सात पदक जीते हैं। मंत्री असद ने कहा, ‘यह सच है कि तीन साल के कार्यकाल ममें पीएम और उनकी कैबिनेट खेलों पर ध्यान नहीं दे सकी क्योंकि देश में कई अन्य मुद्दे सुलझाने थे। लेकिन अब पीएम भी स्थिति को बदलना चाहते हैं और देश में आधुनिक स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट बनाए जाने की योजना है।’

पाकिस्तान में खेलों की स्थिति काफी दयनीय है। देश में खेलों की निगरानी करने वाले पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड ने सरकार को एक वित्त वर्ष में 44 करोड़ रुपये लौटाए थे, क्योंकि इसका इस्तेमाल नहीं हो पाया था।

पाकिस्तानी खेल मंत्री ने बताया कि सरकार हर साल 100 करोड़ रुपये पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड को देती है। इसमें से 40 फीसदी हिस्सा वेतन और गैर-विकास गतिविधियों पर खर्च होता है और बाकी का पैसा एथलीटों और बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च करने के लिए होता है। 

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