रिंग रोड तो बनी नहीं और पांच साल में 33 फीसदी बढ़ा बजट

भले ही हल्द्वानी का बहुप्रतीक्षित पेरीफेरल (परिधीय) फोरलेन रिंग रोड प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर सकी हो, मगर सरकारी कागजों में ये पिछले पांच साल से बन रहा है। दिलचस्प बात ये है कि इन्हीं कागजों में बजट भी 33% बढ़ गया है। बहरहाल, 760 करोड़ का ये प्रोजेक्ट देखते ही देखते 1120 करोड़ तक पहुंच गया है।

लेकिन निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद दूर-दूर तक नहीं दिख रही है। अन्य बड़े प्रोजेक्ट की तरह ही 51 किलोमीटर लंबा रिंग रोड प्रोजेक्ट भी बजट के फेर में फंसा है। जाम शहर की एक बड़ी समस्या है।

इससे निजात पाने के लिए तमाम प्रयास भी नाकाफी साबित हुए। 22 अप्रैल 2017 को भाजपा की सरकार में तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी को रिंग रोड के रूप में बड़ी सौगात देने का ऐलान किया।

घोषणा के बाद लोक निर्माण विभाग हल्द्वानी ने फरीदाबाद की क्राफ्ट कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जरिए फिजिबिलिटी सर्वे कराया। 2018 में कंपनी ने लोनिवि को रिपोर्ट भेजी।

 जिसमें दमुआढूंगा के पास ब्यूरा में लैंडस्लाइड का खतरा जताते हुए इस क्षेत्र में 275 मीटर एलिवेटेड सड़क बनाने की बात कही गई। इससे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत में 240 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो गई।

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