लाखों का सावन जाये
वर्षा ऋतु प्रेम कविता की उत्पत्ति के लिए विशेष अनुकूल मानी गई है। कहा जाता है कि उमड़ते-घुमड़ते बादलों को देख कर कवि को ‘कुछ-कुछ’ होने लगता है। जब मौसम विभाग अच्छे मानसून की भविष्यवाणी करता है और टी.वी. पर समाचार वाचिका उसका सम्पूर्ण विवरण देती है, मैं तभी समझ जाता हूं कि इस बार रबी की फसल अच्छी हो न हो पर कविता की फसल जरूर अच्छी कटेगी। अगर कभी किसी वर्ष में कविता का टोटा हुआ हो या कविताओं की रचना का ग्राफ गिरा है तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं, मौसम विभाग में उस साल के रिकार्ड खंगालिये। उस वर्ष मानसून जरूर कमजोर रहा होगा।
बारिश का मौसम प्रेमीजनों के लिए अपार संभावनाओं से भरा होता है। पर इस साल परिस्थिति अलग है। सालों से यह बरखा दिल में आग लगाती आई है। पर इस साल सोशल डिस्टेंसिंग होने की वजह से ‘आंखें लड़’ नहीं पा रही हैं। ‘आंखों में आंखें डालने’ के बजाय ‘अंखियां चुराई’ जा रही हैं। इन कारणों से प्रेम सूचकांक में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। ‘आंखों की आपस में बातें’ न होने से प्रेम प्रकटन की घटना में कमी से कई थानों के रोजनामचे के पन्ने कोरे के कोरे पड़े हैं।
गर्ल्स होस्टल के आसपास के ‘पुलिस सहायता केन्द्रों’ के अस्तित्व के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। ‘प्रेम सूचकांक’ लुढ़कने से स्वयं कामदेव भी चिंतित हो गए हैं। और मार्केट ‘स्ट्रेटेजी’ का अध्ययन करने में जुट गए हैं। जमाना ‘नजरे झुकाने’ का है और अभी महबूब को ‘आंखों में बसाने’ का रिस्क नहीं लिया जा सकता, भले ही वह कितना भी ‘आंखों का तारा’ क्यों न हो। फेस मास्क के कारण प्रेमी और रोगी के बीच का भेद करना कठिन हो गया है। गोरे-गोरे मुखड़ों की फेस शील्ड शोभा बिखेरने लगी है।
लैपटॉप, मोबाइल जैसे अत्याधुनिक साधनों के चलते वैसे ही ओल्ड फैशन अंखियां उद्योग मंदी की चपेट में था। आमजन की पहुंच वाली पोस्टकार्ड जैसी इस सस्ती और शर्तिया तकनीक को कोरोना वायरस ने अपनी जकड़ में ले लिया है। अब प्रश्न यही उठ रहा है कि ‘अंखियां मिलाऊं या अंखियां चुराऊं।’ ‘आंखें चार’ करने का खतरा अभी नहीं लिया जा सकता।
पर अब इस मुए वायरस के कारण ‘आंखों ही आंखों में इशारे’ को फिलहाल टालने में ही समझदारी है। अब तो सिर्फ ‘पलकें बिछा’ कर इंतजार ही किया जा सकता है। अब तो जब तक संक्रमण काबू में नहीं आता, उन्हें ‘आंखों में बिठाने’ का खतरा नहीं लिया जा सकता। अभी तो यही कह सकते हैं कि ‘पास नहीं आना, दूर नहीं जाना क्योकि मोहब्बत बंद है।’ सामान्य स्थिति होने तक वीडियो कालिंग से ही काम चलाना पड़ेगा।