किसी भी दशा में शव का जल प्रवाह न हो : सीएम

अंत्येष्टि की क्रिया मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ससम्मान हो

कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण की तीव्रता मंद पड़ रही है। एक पखवारे में एक्टिव कोविड केस में 52 फीसदी तक कमी आ गई है। वर्तमान में 1.49 लाख एक्टिव केस हैं। जबकि 14 लाख 62 हजार प्रदेशवासी कोविड से लड़ाई में जीत प्राप्त कर ली है।

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप उत्तर प्रदेश की नीति के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश का रिकवरी दर 89.8% हो गया है।

उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। अब तक यहां 04 करोड़ 49 लाख से अधिक टेस्टिंग हुई है। प्रदेश के 97 हजार से अधिक राजस्व गांवों में 05 मई से टेस्टिंग का महाभियान चल रहा है।

उत्तर प्रदेश को तीसरी कोविड-19 के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू वार्ड तैयार किया जाए।

कोविड से स्वस्थ हुए लोगों में ब्लैक फंगस की समस्या देखने में आ रही है। प्रदेश के कतिपय जिलों में इसके केस मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करे कि ब्लैक फंगस के हर मरीज को समुचित इलाज प्राप्त हो। किसी भी परिस्थिति में इन दवाओं की कालाबाजारी ना हो यह सुनिश्चित किया जाए।

होम आइसोलेशन में उपचाराधीन हैं मरीजों  के लिए टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए।

कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है। 45 वर्ष से अधिक और 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड सुरक्षा कवर प्रदान करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। वैक्सीन सेंटर तय करते समय यह ध्यान रखें कि स्थल पर प्रतीक्षालय हेतु पर्याप्त स्थान हो, कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन हो सके।

निरक्षर, दिव्यांग, निराश्रित अथवा अन्य जरूरतमंद लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर टीकाकरण पंजीयन की सुविधा प्रदान की गई है।

मृतक की अंत्येष्टि के लिए जल प्रवाह अथवा नदी के किनारे दफनाने की प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। इस संबंध में धर्मगुरुओं से संवाद किया जाए, लोगों को जागरूक करने की आवश्यक्ता है।

एसडीआरएफ तथा पीएसी की जल पुलिस प्रदेश की सभी नदियों में सतत पेट्रोलिंग करती रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में शव का जल प्रवाह न हो।

– मृतकों के परिजनों के प्रति प्रदेश सरकार की संवेदनाएं हैं। अंत्येष्टि की क्रिया मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ससम्मान किया जाए।

अंत्येष्टि क्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। किसी भी दशा में किसी को भी धार्मिक परंपराओं के नाते नदी में शव न आने दिया जाए।

उत्तर प्रदेश में अपनाई गई ऑनलाइन ऑक्सीजन ट्रैकिंग प्रणाली को ‘नीति आयोग’ द्वारा सराहा गया है। ज्यादातर रीफिलर और मेडिकल कॉलेजों में अब 48-72 घंटे तक का ऑक्सिजन बैकअप हो गया है।

होम आइसोलेशन के मरीजों को कल 32 एमटी ऑक्सीजन आपूर्ति की गई। बीते 24 घंटों में 882 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण किया गया है। ऑक्सीजन वेस्टेज रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाएं।

यद्यपि कि केस कम हो रहे हैं, फिर भी कोविड का खतरा बना हुआ है। विशेषज्ञ तीसरी लहर का भी अनुमान लगा रहे हैं।ऐसे में स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के संबंध में इस संबंध विशेष कार्यवाही करे। अ

कोरोनावायरस महामारी के बीच हमारे स्वास्थ्य कर्मियोंफ्रंटलाइन वॉरियर्स पुलिसकर्मियों की भूमिका सराहनीय रही है। किसी भी कोविड केयर सेंटर अथवा हेल्प डेस्क पर उम्रदराज डॉक्टरों की ड्यूटी ना लगाएं।

भारत सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे प्लांट के संबंध में मुख्य सचिव सतत अनुश्रवण करते रहें। सीएसआर की मदद और राज्य सरकार द्वारा स्थापित कराए जा रहे प्लांट्स की कार्यवाही तेज की जाए। कोविड के उपचार हेतु एयर सेपरेटर यूनिट, ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना आदि के संबंध में सांसद/विधायक निधि से सहयोग लिया जा सकता है।

निगरानी समितियां जिन्हें मेडिकल किट दे रही हैं, उनका नाम और फोन नम्बर आइसीसीसी को उपलब्ध कराएं। हर संदिग्ध लक्षणयुक्त व्यक्ति की एंटीजन टेस्ट जरूर हो।

सभी जिलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। एसीएस स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा प्रत्येक दशा में इन उपकरणों को क्रियाशील होना सुनिश्चित कराएं।

वर्तमान में साढ़े चार सौ कम्युनिटी किचेन क्रियाशील हैं। इसे और बढ़ाया जाए। सभी जिलों में कम्युनिटी किचेन संचालित किए जाएं। निजी स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सहयोग प्राप्त करना उचित होगा। आंशिक कोरोना कर्फ्यू को देखते हुए मरीजों के परिजनों को भी भोजन उपलब्ध कराया जाए।

– ‘सफाई, दवाई, कड़ाई, के मंत्र के अनुरूप प्रदेशव्यापी स्वच्छता, सैनीताइजेशन का अभियान चल रहा है। लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

स्वच्छता, सैनिटाइजेशन से जुड़े कार्यों का दैनिक विवरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराया जाए। ताकि आवश्यकतानुसार वह भौतिक परीक्षण कर सकें।

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