उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी ‘गैरसैंण’ में होगा 350 करोड़ रुपयों से विकास कार्य
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण राजधानी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए सरकार ने 350 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।मुख्यमंत्री ने अफसरों को गैरसैंण हेलीपैड का विस्तार करने के निर्देश दिए। बकौल मुख्यमंत्री, इस हेलीपैड पर तीन एमआई हेलीकॉप्टर एक साथ उतर सकेंगे। सीएम ने कहा कि गैरसैंण के विकास के लिए सरकार चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है। हेलीपैड के विस्तारीकरण के लिए दो करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र गैरसैंण में चाय बोर्ड कार्यालय, एस्ट्रो विलेज, दूधातोली तक नेचर ट्रेल, कमिश्नरी एवं डीआईजी ऑफिस तथा टाउन प्लानिंग का कार्य किया जाएगा। नेट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए सीएम ने आईटी सचिव और चमोली डीएम को निर्देश दे दिए हैं। यदि कोई प्राइवेट कंपनियां संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए टावर लगाती हैं, तो इसके लिए 50-50 लाख रुपये की व्यवस्था की जाएगी।
गैरसैंण को पहले ग्रीष्मकालीन राजधानी और अब कमिश्नरी का दर्जा देकर राज्य सरकार ने पहाड़ी कस्बे के लिए भविष्य की संभावनाएं खोल दी हैं। आवास विभाग ने यहां मास्टर प्लान पर काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में सर्वे पूरा हो गया है। एक साल में मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने का लक्ष्य है। गैरसैंण में कुछ साल से तेज विकास को देखते आवास विभाग पहले ही गैरसैंण तहसील क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान पर काम शुरू कर चुका है। यह इस क्षेत्र का पहला मास्टर प्लान होगा, जिसे 2031 तक की जरूरतों को देखते हुए तैयार किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान में मुख्य रूप से सरकारी भवन, स्कूल, अस्पताल, आवासीय और सार्वजनिक उपयोग के लिए लैंड यूज तय किया जाना है।
साथ ही आगामी 10 साल के लिए यातायात जरूरत को देखते हुए सड़कों की प्लानिंग की जानी है। प्रथम चरण में गैरसैंण तहसील क्षेत्र में सर्वे पूरा हो गया है। इस बीच अंतिम मास्टर प्लान के लिए जिस कंपनी का चयन हुआ, उसने समय पर काम पूरा नहीं किया। इस वजह से आवास विभाग ने टेंडर निरस्त कर नए सिरे से टेंडर की तैयारी कर दी है। इस बीच बजट भाषण में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अगले एक माह के भीतर गैरसैंण मास्टर प्लान के लिए टाउन कंट्री प्लानर नियुक्त करने की भी घोषणा की है। माना जा रहा है कि पहले से चल रही प्रक्रिया को इसमें शामिल कर विस्तृत मास्टर प्लान बनेगा।