उत्तराखंड में गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने पर विपक्षी दलों का विरोध

देहरादून : उत्तराखंड में गैरसैंण जिला बनाने से पहले कमिश्नरी बनाने के सरकार के फैसले पर कांग्रेस ने ऐतराज जताया। कांग्रेस ने कहा कि यदि इसे जिला बनाया जाता तो बेहतर होता। बीते दिनों सीएम त्रिवेंद्र रावत ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा की थी। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि गैरसैंण का विकास सबकी प्राथमिकता है। हमने इसकी शुरुआत की थी। मगर, भाजपा गैरसैंण को लेकर जुमलेबाजी ही कर रही है। गैरसैंण को सही मायने में लाभ जिला बनाने से होता। जनसमस्याओं का निदान जिला प्रशासन, तहसील-ब्लॉक स्तर पर होता है। अब भला, कमिश्नरी तक कितने लोगों का काम पड़ता है? यह फैसला किसी भी दृष्टि से सही नहीं है।

पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी गैरसैंण को जिला बनाने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि, सीएम ने गैरसैंण को कमिश्नरी घोषित किया है। मैं बधाई देता, यदि गैरसैंण को जिला भी घोषित कर देते। सीएम की घोषणा की वजह से प्रशासनिक भ्रम भी पैदा हो गया है। रावत ने आगे कहा कि सीएम को इस भ्रम को दूर करना होगा। इसके साथ-साथ पौड़ी कमिश्नरी पर इस फैसले का क्या असर पड़ेगा, यह सोचना भी जरूरी है। पौड़ी में भी कुछ ऐसा कीजिए, जिससे लगे कि राज्य निर्माण आंदोलन की जन्मस्थली का भी ख्याल रखा जा रहा है।

पूर्व स्पीकर और जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि जहां जिला नहीं, वहां कमिश्नरी घोषित कर दी गई। यह राज्य की मूल भावना के विपरीत है। न तो ऐसी कोई मांग थी और न ही जरूरत थी। बेहतर होता कि गैरसैंण जिला बनाया जाता। अल्मोड़ा कुमाऊं का सांस्कृतिक हृदयस्थल है। इसे अलग करना गलत है। कमिश्नरी के कारण बुनियादी ढांचे के विकास से कृषि भूमि खत्म होगी। यदि जरूरी ही था तो पिथौरागढ़ को शामिल करते। उन्होंने कहा, वो इसका विरोध करते हैं। विस अध्यक्ष तत्काल निर्णय लें।

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