हमीरपुर: ब्लॉक की डेढ़ दर्जन पंचायतें आज तक एससी बीसी के लिये नहीं हुई आरक्षित
ऐसी सीटों पर इस बार चल सकता है आरक्षण का चाबुक
पिछले चुनाव में 58 में से 38 सीटें हुई थी आरक्षित
आरक्षण प्रक्रिया शुरू होते ही हैट्रिक लगा चुके लोगों की धड़कनें तेज
भरुआ सुमेरपुर। वर्ष 2015 के पंचायत चुनावों में ब्लॉक की 58 में से 38 सीटें पिछड़ी जाति, पिछड़ी जाति महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति महिला तथा सामान्य महिलाओं के लिए आरक्षित की गई थी. ब्लॉक की डेढ़ दर्जन सीटें ऐसी हैं जो 1995 से पिछड़ी जाति, पिछड़ी जाति महिला, अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित नहीं की गई है.
इन सीटों के इस बार इन वर्गों के लिए आरक्षित होने की पूर्ण संभावना है. अब इन पंचायतों में आबादी के प्रतिशत को खंगालकर इन वर्गों के लिए आरक्षित करने का गुणा भाग लगाया जा रहा है. वर्ष 2015 के पंचायत चुनावों में ब्लॉक की 58 सीटों में से 38 सीटों को विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षित किया गया था. 20 सीटें सामान्य थी.
इस बार के चुनाव में एक सीट हमीरपुर नगर पालिका में समाहित कर दी गई है. अब ब्लॉक में कुल 57 सीटें बची हैं. इन 57 सीटों में ही इस बार आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न होनी है. पिछली बार ग्राम पंचायत जलाला, स्वासा खुर्द, कल्ला, इंगोहटा, उजनेडी, बण्डा, सहुरापुर, कलौली जार, पचखुरा बुजुर्ग, भौनिया, पारा ओजी, चंदौखी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति महिलाओं के लिए आरक्षित हुई थी.
इसी तरह ग्राम पंचायत भौंरा, बरुआ, पत्योरा, मौहर, कैथी, कुछेछा, सौंखर, बिदोखर पुरई, अमिरता, पौथिया, बड़ागांव, धुंधपुर, बदनपुर, बरदहा सहजना, मिहुना, खड़ेही जार पिछड़ी जाति एवं पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित हुई थी. महिलाओं के लिए सुरौली बुजुर्ग, देवगांव, टेढा, बिरखेरा, चंद्रपुरवा बुजुर्ग, मुण्डेरा, बिदोखर मेदनी, नदेहरा, छानी खुर्द, अतरार को आरक्षित किया गया था. ब्लॉक की सिमनौडी, पंधरी, पारा रैपुरा, पचखुरा खुर्द, अतरैया, बांकी, बांंक, हेलापुर, कलौली तीर, मोराकांंदर, कुंडौरा, दरियापुर, मवई जार, कुम्हऊपुर, स्वासा बुजुर्ग, धनपुरा, छानी बुजुर्ग, बिलहडी, पलरा को अनारक्षित रखा गया था.
इस बार इन सभी सीटों पर आरक्षण का चाबुक चल सकता है. ऐसी संभावना जताई जा रही है. अगर 1995 से लेकर 2015 तक के आरक्षण में नजर डाली जाए तो ब्लॉक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत इंगोहटा, बण्डा, टेढा, उजनेडी पचखुरा बुजुर्ग ग्राम पंचायतें पिछड़ी जाति एवं पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित नहीं हुई है.
इस बार इन पंचायतों में भी आरक्षण का पहिया इन जातियों के लिए घूम सकता है. इसी तरह पौथिया, कुंडौरा, चंद्रपुरवा बुजुर्ग, सुरौली बुजुर्ग, पत्योरा, बरूआ, भौंरा, मौहर, धुंधपुर, कैथी, अतरैया, बिरखेरा, मिहुना, बदनपुर, कल्ला, छानी खुर्द, छानी बुजुर्ग, बड़ागांव, कुम्हऊपुर, देवगांव आदि ऐसी पंचायतें हैं जो कभी भी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित नहीं की गई है.
प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि ऐसी पंचायतों को इन वर्गों के लिए प्राथमिकता पर आरक्षित किया जाये. अगर ऐसा होता है और इन पंचायतों में अनुसूचित जाति की जनसंख्या का मानक पूर्ण होता है तो इन सीटों को भी आरक्षण के दायरे में शामिल होने की संभावना है.
आरक्षण की अधिसूचना जारी होने के बाद शुक्रवार को इसकी प्रक्रिया शुरू की गई है. प्रक्रिया शुरू होते ही पंचायतों की राजनीति में अर्से से कब्जा जमाये लोगों की धड़कने तेज हो गई है. ब्लॉक की पंचायतों की राजनीति में कुछ चेहरे ऐसे हैं जो आरक्षण का लाभ उठाकर पंचायतों की राजनीति मे हैट्रिक लगा चुके हैं.
ऐन केन प्रकारेण महिला पुरुष के रूप में इन्ही का कब्जा होता चला आ रहा है. इस बार अगर आरक्षण में बदलाव किया गया और शासन की मंशानुरुप आरक्षण व्यवस्था लागू की गई तो तमाम दिग्गजों को इस बार कुर्सी से दूर होकर पर्दे के पीछे वाली राजनीति से पंचायतों की बागडोर कंट्रोल करनी पड़ेगी.
कुछ चेहरे शासन की मंशा को भापकर ग्राम पंचायतों की राजनीति से बाहर आकर क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत की राजनीति ओर रुख करने का मन बनाने लगे हैं. और अभी से संभावित सीटों में अपने हार जीत की संभावनाएं टटोलने में जुट गए हैं।