यूपी में सात विधानसभा सीटें हुई रिक्त अब विधानसभा का कुल संख्याबल घटकर 397 हो गया

कोरोना संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के दो मंत्रियों की अभी तक मौत हो चुकी है. क्रिकेट से सियासत में आए चेतन चौहान आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए. कोरोना से 36 दिन तक संघर्ष करने के बाद रविवार को उनका निधन हो गया है. इससे पहले योगी सरकार में मंत्री रहीं कमल रानी वरुण की भी कोरोना से मौत हुई थी.

बीजेपी के इन दोनों नेताओं के निधन के साथ ही सूबे में सात विधानसभा सीटें रिक्त हो गई हैं. इनमें से पांच सीटें बीजेपी और दो समाजवादी पार्टी के कब्जे में थीं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा में रिक्त हुई सात विधानसभा सीटों में फिरोजाबाद जिले की टुण्डला, उन्नाव में बांगरमऊ, रामपुर में स्वार, बुलंदशहर जिले में बुलंदशहर सदर, जौनपुर में मल्हनी, कानपुर नगर में घाटमपुर और अमरोहा में नौगावां सादात सीट शामिल हैं. इनमें टूंडला बीजेपी के एसपी बघेल द्वारा त्यागपत्र देने से, जबकि बांगरमऊ व स्वार सीटें कोर्ट के हस्तक्षेप से रिक्त हुईं. इनके अलावा मल्हनी, बुलंदशहर, घाटमपुर व नौगावां सादात निर्वाचित विधायकों के निधन से रिक्त हुई हैं.

अमरोहा जिले की नौगावां सीट बीजेपी के चेतन चौहान के निधन के चलते रिक्त हुई है. 2017 में चौहान सपा के जावेद आब्दी को करारी मात देकर योगी सरकार के कैबिनेट का अहम हिस्सा बने थे. ऐसे ही बीजेपी के विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते अब बुलंदशहर विधानसभा सीट रिक्त हो गई है. 2017 में वीरेंद्र सिरोही ने बसपा के हाजी अलीम खान को 32 हजार मतों से हराया था, बीजेपी ने कई चुनाव के बाद इस सीट पर वापसी की थी.

कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट बीजेपी की विधायक रहीं कमल रानी वरुण के कोरोना से निधन हो जाने के चलते खाली हुई है. कमल रानी ने 2017 के चुनाव में बसपा की सरोज कुरील को हराया था. बीजेपी ने सपा से यह सीट छीनी थी. ऐसे ही जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट सपा के विधायक रहे परसनाथ यादव के निधन के खाली हुई है. 2017 में बीजेपी की लहर के बावजूद परसनाथ ने निषाद पार्टी के बाहुबली नेता धनंजय सिंह को मात दी थी.

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता बांगरमऊ से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है. इसके चलते बांगरमऊ विधानसभा सीट खाली हो गई है. इस सीट पर उपचुनाव होगा, लेकिन अभी उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ है. सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी सदस्यता रद्द की गई है.

उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. विधानसभा चुनाव के दौरान गलत दस्तावेज मुहैया करवाने के चलते हाई कोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को रद्द कर दिया था, जिसके चलते विधानसभा से उनकी सदस्यता रद्द की गई है.

फिरोजाबाद जिले की टुण्डला विधानसभा सीट 2017 के चुनाव में भाजपा के एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बन जाने के बाद उन्होंने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था. यह सीट खाली हुए करीब एक साल से ज्यादा हो गया है, लेकिन हाई कोर्ट में इस सीट की चुनाव याचिका विचाराधीन है. इस नाते निर्धारित समयावधि के भीतर इस रिक्त सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया था.

उत्तर प्रदेश विधानसभा के कुल 403 सदस्यों में से सात के स्थान रिक्त होने से अब सदन का कुल संख्याबल घटकर 397 रह गया है. मौजूदा समय में बीजेपी 305, समाजवादी पार्टी की 48, बसपा 18, अपना दल (एस) 9, कांग्रेस सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, राष्ट्रीय लोकदल-एक, निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल-एक, निदर्लीय-तीन व एक सदस्य नामित हैं.

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