सचिन पायलट खेमे की याचिका पर HC में खत्म हुई सुनवाई, कोर्ट मामले पर थोड़ी देर में सुना सकता है ये फैसला

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी रार के बीच एक बार फिर सचिन पायलट खेमे की याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई खत्म हो गई है। कोर्ट मामले पर थोड़ी देर में अपना फैसला सुना सकता है। दूसरी तरफ जयपुर के फेयरमाउंट होटल में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक चल रही है। गहलोत का समर्थन करने वाले कांग्रेस विधायक इसी होटल में ठहरे हुए हैं। सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की ओर से अयोग्यता नोटिस जारी किया गया है।

Rajasthan Political Crisis Live Update:

जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक

जयपुर के होटल फेयरमाउंट में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता अजय माकन, राज्य इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य कांग्रेस विधायक मौजूद हैं।

हाई कोर्ट में मुकुल रोहतगी की दलील

कोर्ट में सचिन पायलट गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि शिकायत के एक ही दिन के अंदर विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट और अन्य विधायकों को अयोग्यता नोटिस जारी किया। नियमों के अनुसार नोटिस देने के लिए समय नहीं दिया गया। इसके अलावा नोटिस जारी करने का कोई कारण भी नहीं बताया गया।

सीबीआई ने गहलोत के OSD को बुलाया

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी देवाराम सैनी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पूछताछ के लिए बुलाया है। वहीं, दूसरी तरफ राजस्थान के DGP भूपेंद्र यादव ने हरियाणा के DGP और दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पत्र लिखा है। इसमें राज्य सरकार को अस्थिर करने के कथित प्रयासों से संबंधित मामले में विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की जांच में सहयोग की मांग की गई है।

राहुल गांधी का आरोप

राजस्थान में मचे सियासी संग्राम पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियां: फरवरी- नमस्ते ट्रंप, मार्च- MP में सरकार गिराई, अप्रैल- मोमबत्ती जलवाई, मई- सरकार की 6वीं सालगिरह, जून- बिहार में वर्चुअल रैली, जुलाई- राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश। इसी लिए देश कोरोना की लड़ाई में ‘आत्मनिर्भर’ है।’

गहलोत बनाम पायलट

सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को निकम्मा, नाकारा और धोखेबाज बताते हुए बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष ही पार्टी को डुबाने का काम कर रहा था। पायलट ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है। उन्हें कम उम्र में काफी कुछ मिल गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, सांसद, केंद्रीय मंत्री और उप मुख्यमंत्री जैसे पद मिले। गहलोत के हमले पर पायलट ने जवाब देते हुए कहा कि मैं इस बयान से दुखी हूं, लेकिन हैरान नहीं। यह मेरी विश्वसनीयता को संदिग्ध बनाने की साजिश है।

पायलट की तरफ से हरीश साल्वे ने की बहस

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस इंद्रजीत महांती व जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में स्पीकर की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की। जबकि पायलट गुट की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बहस की। इस दौरान साल्वे ने कहा कि हम स्पीकर के नोटिस का जवाब नहीं देंगे, अब हाई कोर्ट ही इसमें फैसला दे। स्पीकर ने जानबूझकर गलत तरीके से नोटिस जारी किए हैं। कहा कि क्या नोटिस जारी करने से पहले सोचा गया कि जिस शिकायत पर नोटिस जारी किया गया है वो क्षेत्राधिकार में है ही नहीं। स्पीकर ने पहले ही अपना मन बना लिया था। क्या किसी सदस्य ने विधायी कार्य की खिलाफत की है। कहा कि पार्टी के आंतरिक मामलों में अयोग्यता नोटिस जारी करना मूल अधिकारों का उल्लंघन है।

स्पीकर के पास अधिकार : सिंघवी

स्पीकर की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पायलट गुट को स्पीकर ने अभी सिर्फ नोटिस जारी किए हैं, अयोग्य नहीं ठहराया है। कोर्ट का इस मामले में क्षेत्राधिकार नहीं बनता है। विधायकों की अयोग्यता को लेकर अभी कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता। यह अधिकार स्पीकर के पास है। विधानसभा की कार्रवाई में कोर्ट दखल नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि जब तक स्पीकर फैसला नहीं ले लेते, तब तक कोर्ट दखल नहीं दे सकता।

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