नेपाल की संसद ने पास किया ‘विवादित’ नक्शा, भारत ने किया विरोध

काठमांडू. नेपाल की संसद के अपर हाउस ने रविवार को भारत के इलाकों को नेपाल में दिखाने वाले ‘विवादित नक़्शे’ से जुड़ा संविधान संशोधन एकमत से पारित कर दिया है।

इस बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा साथ ही इसे पेश करने के दौरान कुछ सांसद ‘भारत से इलाका वापस लो’ जैसे नारे लगाते भी सुनाई दिए। इसे पहले इस संविधान संशोधन विधेयक को निचले सदन में भी भारी बहुमत से पास कर दिया गया था। इस नए नक़्शे में भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्प्युधारा इलाके को नेपाल में दिखाया गया है।

रविवार को जब ये नया नक्शा नेपाल की संसद में पेश किया गया तो कुछ सांसदों ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया. इसके आलावा कई सांसद भारत से इन तीन इलाकों को वापस लेने से संबंधित नारे लगाते हुए भी नज़र आए. हालांकि इस पर चर्चा के दौरान अधिकतर सांसद इस बात पर सहमत दिखे कि बातचीत के जरिए इस पूरे मामले का हल निकला जाना चाहिए।

निचले सदन में शनिवार को इस बिल पर वोटिंग हुई थी जिसमें कुल 275 में से सदन में मौजूद सभी 258 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट दिया था। अपर हाउस में रविवार को कुल 59 में से 50 सांसद मौजूद रहे और सभी ने एकमत से इसके पक्ष में वोट किया।

भारत ने जताया विरोध
नेपाल के इस कदम पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- हमने गौर किया है कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने नक्शे में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक पारित किया है ताकि वे कुछ भारतीय क्षेत्रों को अपने देश में दिखा सकें. हालांकि, हमने इस बारे में पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी है।

यह ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। ऐसे में उनका दावा जायज नहीं है. यह सीमा विवाद पर होने वाली बातचीत के हमारे मौजूदा समझौते का उल्लंघन भी है।

बता दें कि भारत ने लिपुलेख से धारचूला तक सड़क बनाई है जिस पर नेपाल ने कड़ा ऐतराज जाहिर किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था.इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया नक्शा जारी किया था।

भारत ने इस नए नक़्शे पपर न सिर्फ आपत्ति जताई है बल्कि इसे समझौते का उल्लंघन भी माना है। भारत ने कहा था- यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। हाल ही में भारत के सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन का नाम लिए बिना कहा था कि नेपाल ने ऐसा किसी और के कहने पर किया।

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